योगी ‘राज’: बरेली में भूख से लगातार हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन?
पूरे देश को शर्मसार करने वाली बरेली की लगातार ऐसी तीसरी घटना है, जिसमें एक शख्स की भूख से मौत हो गई। इस साल की शुरुआत में बरेली में ही एक मां ने पति के इलाज के लिए अपने बच्चे को बेच दिया था।
उत्तर प्रदेश के बरेली में भूख से एक और शख्स जान चली गई। पूरे देश को शर्मसार करने वाली यह बरेली की लगातार तीसरी घटना है। भूख से मौत का ताजा मामला जिले के भमोरा इलाके का है, जहां के मझगवा ब्लॉक स्थित कुड़रिया इकलासपुर में 47 वर्षीय नेमचंद्र श्रीवास्तव की भूख से तड़पकर मौत हो गई। छोटे से कच्चे घर में अपनी 95 साल की बूढ़ी मां खिललो देवी के साथ रहने वाले मृतक नेमचंद्र एक महीने पहले पक्षाघात के कारण अपाहिज हो गए थे। नेमचंद्र की मौत के बाद उसके घर से सिर्फ डेढ़ किलो आटा मिला। लोगों का कहना है कि वह तीन दिन से भूखा था। शायद उसे इस बात की चिंता थी कि उसकी बूढ़ी मां क्या खाएगी।
विडंबना ये है कि गांव के राशन डीलर का कहना है उसके नाम पर राशन आवंटित हो चुका है। लेकिन अपने बेटे को खो चुकी खिललो देवी का कहना है, "हमें क्या पता किसके नाम पर चढ़ा है। हमेशा की तरह डीलर खा गया होगा।” बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार वे घटना की जांच करा रहे हैं और दोषी को सजा मिलेगी। बरेली के अपर जिलाधिकारी ओपी वर्मा का दावा है कि यह मौत भूख से नहीं, ठंड से हो सकती है।
वरिष्ठ पत्रकार मेहरुदीन खान कहते हैं, “ठंड से कोई नहीं मरता है। पेट खाली हो तो मर जाता है। रात मे भारी ठंड में किसान पानी में काम करता है। खाना-पीना अच्छा होना चाहिए। इस तरह की मौत कमजोरी और भूख से ही होती है।”
इससे पहले बरेली के ही फतेहगंज में एक महिला नई राशन प्रणाली की शिकार हो गई थी। वहीं इस साल की शुरुआत में हाफिजगंज में एक अन्य महिला अपने बीमार पति के इलाज के लिए महज 42 हजार रुपये के लिए अपना बच्चा बेचने को मजबूर हो गई थी। हालांकि मीडिया मे खबरों के बाद जिला प्रशासन ने उसका बच्चा वापस दिला दिया था और उसके पति के इलाज की व्यवस्था सरकारी खर्च पर कर दी गई थी। इलाके के लेखपाल शिवा कुशवाहा खुद इस घटना से स्तब्ध हैं। उनके अनुसार उनकी प्राथमिक जांच मे यह घटना काफी तकलीफ देने वाली है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इन घटनाओं को लेकर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने अदम गोंडवी का एक शेर ट्वीट किया, "तुम्हारी फाइलों मे गांव का मौसम गुलाबी है, ये आंकड़े झूठे, ये दावा किताबी है।"
इन तीनों जगहों में से कहीं भी बरेली के जिलाधिकारी आधे घंटे से भी कम समय में पहुंच सकते हैं। भूख, लाचारी और इंसानियत को शर्मसार करती ये घटनाएं पूरे बरेली की शर्मनाक तस्वीर पेश करती हैं। बरेली के वकील अंजुम अली कहते हैं, "यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता का मामला है। जिला मुख्यालय के नजदीक भूख से कोई इंसान मर जाए, ये शर्मनाक घटना है। इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधि भी जवाबदेह हैं।” बरेली के दोनों सांसद, मेयर और जिले के सभी 9 विद्यायक और एमएलसी बीजेपी से हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लोकप्रिय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भी बरेली की ही हैं। वह दुनिया भर में असहाय लोगों के लिए और गरीबी के विरुद्ध काम करने वाले संगठन यूनिसेफ की ब्रांड एम्बेसडर हैं, और उनके ही गृह जिले बरेली में दिल को झकझोर देने वाली यह लगातार तीसरी घटना है।
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