योगी सरकार का फरमान : एमएलए-एमपी के लिए कुर्सी छोड़ खड़े हों अधिकारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फरमान जारी किया है कि एमएलए/एमपी/एमएलसी के लिए सभी सरकारी अधिकारी कुर्सी छोड़ कर खड़े हों और उनका स्वागत करें। ऐसा न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी

फोटो : IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार का फरमान है कि सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी विधायकों, सांसदों और एमएलसी का खड़े होकर स्वागत करें और उन्हें सम्मान दें। ऐसा न करने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। योगी सरकार ने इसके साथ ही यह आदेश भी जारी किया है कि सभी अधिकारी किसी भी ऐसे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न बनें, जिसका आयोजन सरकारी पैसे से हो रहा हो।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार की तरफ से दीपावली की पूर्व संध्या पर बुधवार को जारी सभी अधिकारियों को भेजा गया है। आदेश में अपर मुख्य सचिवों से लेकर डीजीपी और कमिश्नर से लेकर डीएम, एसपी तक के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि यदि सांसद या विधायक मिलने आते हैं, तो अधिकारी खड़े होकर उनका स्वागत करें और विदा भी खड़े होकर करें। आदेश में करीब डेढ़ दर्जन शासनादेशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि लगातार दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद सांसदों और विधानमंडल के सदस्यों के प्रति सामान्य शिष्टाचार, अनुमन्य प्रोटोकॉल और सौजन्य प्रदर्शन का पालन समुचित रूप से नहीं किया जा रहा है।

योगी सरकार का फरमान : एमएलए-एमपी के लिए कुर्सी छोड़ खड़े हों अधिकारी

आदेश के मुताबिक इस बारे में लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं। आदेश के मुताबिक राज्य के मुख्य सचिव, राजस्व परिषद के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्य राजस्व परिषद, अध्यक्ष लोक सेवा अधिकरण, विश्वविद्यालयों के कुलपति, आयुक्त, सचिव, पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सचिव, डीएम, एसपी, सीएमओ आदि सभी अधिकारी रुतबे में विधायकों से नीचे हैं।

योगी सरकार का फरमान : एमएलए-एमपी के लिए कुर्सी छोड़ खड़े हों अधिकारी

आदेश में मुख्य सचिव राजीव कुमार ने यह भी कहा है कि अगर जन प्रतिनिधि यानी एमपी, एमएलए और एमएलसी जनहित के काम के लिए अधिकारियों के पास आएं तो उन्हें सम्मान दें, उन्हें जलपान आदि कराने का आग्रह करें। यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारी जनप्रतिनिधियों के सुझाव या अनुरोध को मानने की स्थिति में नहीं हैं, तो विनम्रता के साथ बताएं। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के पत्रों की प्राप्ति स्वीकार करें, शीघ्र ही उन्हें कृत कार्यवाही से अवगत कराएं। उनकी टेलीफोन कॉल रिसीव करें। मीटिंग के दौरान कॉल रिसीव करने के लिए अनुपलब्ध हैं तो मीटिंग के बाद प्राथमिकता के आधार पर उन्हें कॉल बैक करें।

यह भी कहा गया है कि अधिकारी सरकारी कार्यों के उद्घाटन या शिलान्यास कार्यक्रमों, ऋण वितरण, सहायता शिविरों में सामग्री वितरण और अन्य समारोहों में मुख्य अतिथि की हैसियत से भाग नहीं लेंगे।

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Published: 20 Oct 2017, 3:03 PM