तेल की आग में जलती रहे आपकी जेब, लेकिन हरियाणा में सिर्फ 1 रुपए में फर्राटा भरेंगे बाबू, खट्टर सरकार का ऐलान

हरियाणा की खट्टर सरकार ने अपने अफसरों को निजी इस्तेमाल के लिए लगभग मुफ्त में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। खुद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि अफसरों की जेब से इतना भी फिलहाल मिल जाए तो बहुत है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भले ही देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में आग लगी हो और आमलोग पेट्रोल 90 रुपये और डीजल 80 रुपये लीटर खरीदकर हलकान हो रहे हों, लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार को अपने बाबुओं का पूरा ख्याल है। जनता के लिए भले तेल महंगा हो, लेकिन खट्टर सरकार ने अपने अफसरों को निजी इस्तेमाल के लिए लगभग मुफ्त में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। खुद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि अफसरों की जेब से इतना भी फिलहाल मिल जाए तो बहुत है।

तेल की कीमतों से आपकी जेब में लगी आग, हरियाणा की बेजेपी सरकार बाबुओं पर मेहरबान, निजी काम के लिए 1 रुपये/किमी पर मुफ्त में मिलेगी सरकारी गाड़ी

बुधवार को हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि अब राज्य में सचिव, विभागाध्यक्षों और बोर्ड-निगमों के निदेशकों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सरकारी वाहन के निजी इस्तेमाल पर भुगतान करना होगा। लेकिन इसके लिए सरकार ने जो दर तय की है, उसे सुनकर तो आम आदमी अपना सिर ही पीट सकता है।

आदेश के अनुसार अधिकारी अब एक हजार रुपये महीने का भुगतान कर निजी इस्तेमाल के लिए सरकारी गाड़ी का बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकेंगे। आदेश के तहत अधिकारियों को हर महीने एक हजार रुपये में सरकारी वाहन से निजी कार्यक्रमों या अन्य निजी काम के लिए एक हजार किलोमीटर तक के सफर की छूट रहेगी। जिसका साफ मतलब है कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों को एक रुपये प्रति किलोमीटर के रेट से सरकारी गाड़ी उपलब्ध कराएगी, जबकि आमलोगों को प्राइवेट टैक्सी या ऑटो में एक किलोमीटर के लिए 10 से 20 रुपये किलोमीटर तक का भगतान करना होता है।

एक तरफ जहां देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगी है और आम लोगों को एक लीटर पेट्रोल के लिए 90 रुपये तक देने पड़ रहे हैं, वहीं हरियाणा सरकार अपने अफसरों को निजी इस्तेमाल के लिए लगभग मुफ्त में सरकारी वाहन उपलब्ध कराकर आम आदमी के साथ भद्दा मजाक कर रही है। विपक्ष ने इस फैसले को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि खट्टर सरकार के पास किसानों के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों को राज्य की जनता के पैसे पर सुविधाएं दी जा रहीं हैं।

हालांकि, खुद खट्टर ने इस बात को माना है कि ये रेट बहुत कम है। उनके इस फैसले पर जब पत्रकारों ने सवाल किये तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि पहले सरकारी अफसरों की जेब से इतना भी निकल जाए, फिर बाद में जब उन्हें आदत पड़ जाएगी तो इसे बढ़ा दिया जाएगा।

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