बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ देश भर में सड़कों पर उतरी एनएसयूआई, 100 जिलों में दिया एफआईआर का आवेदन
देश भर में सड़कों पर उतरी एनएसयूआई ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ हत्या, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए 100 जिलों में पुलिस को शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया।
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए देश भर के 100 जिलों के थानों में आवेदन दिये हैं। 3 जुलाई को राजधानी दिल्ली समेत देश के 28 राज्यों के 100 जिलों में एनएसयूआई कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए थाने पहुंचे और पुलिस को शाह के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दिया।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस नेता और एनएसयूआई प्रभारी रुची गुप्ता के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ता पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंचे और अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की और एसएचओ को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया। एनएसयूआई कार्यकर्ता इस दौरान कई प्लेकार्ड लिये हुए थे, जिनपर बीजेपी अध्यक्ष शाह के खिलाफ नारे लिखे हुए थे।
देश भर में 28 राज्यों के 100 जिलों में शाह के खिलाफ प्रदर्शन और एफआईआर का आवेदन देने की जानकारी देते हुए एनएसयूआई ने कहा कि अमित शाह देश के युवाओं, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायाधीशों और अल्पसंख्यकों में भय पैदा करते हैं। इस समय देश के लोग भय और डर की स्थिति से गुजर रहे हैं। छात्र संगठन ने कहा कि बीजेपी ने विभिन्न घटनाओं के आरोपी जिस अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रखा है, वह पूर्व में कई हत्याकांडों और षड़यंत्रों में शामिल रहे हैं। एनएसयूआई ने कहा कि गुजरात में गृहमंत्री के पद पर रहते हुए शाह ने सरकारी कार्यकाल का जमकर दुरुपयोग किया और आज भी सत्ताधारी पार्टी का अध्यक्ष होते हुए लगातार सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने गुजरात का गृह मंत्री रहते हुए 26 नवंबर 2005 को आईपीएस डीजी वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख का फर्जी एनकाउंटर करने का आदेश दिया। इस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा राज्य के गृह मंत्री के पद पर रहते हुए ही उनके ऊपर एक महिला की गोपनीयता का उल्लंघन करने के आरोप लगे थे।
यही नहीं, सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की 1 दिसंबर 2014 की रात रहस्यमय परिस्थिति में पुणे में मौत हो गयी थी। इस मामले में जज लोया के परिवार ने आरोप लगाया था कि जज लोया ने खुद पर राजनीतिक दबाव पड़ने की बात बताई थी। सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह आरोपी थे। इसके अलावा 8 नवंबर 2016 को लागू हुई नोटबंदी के दौरान अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती गई थीं। उस समय शाह इस बैंक के निदेशक थे।
एनएसयूआई ने कहा कि ऐसे कई गंभीर मामलों में अमित शाह आरोपी हैं। उसके बावजूद अभी तक शाह पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। छात्र नेताओं ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को देश की शांति-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताते हुए पुलिस-प्रशासन से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।
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