इंदौर में NOTA ने बनाया रिकॉर्ड, 2 लाख 18 हजार वोटर्स ने चुना नोटा, कांग्रेस ने चलाया था अभियान
इंदौर सीट पर दूसरे नंबर पर नोटा रहा जिसे 2 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। नोटा में कुल 218674 वोट पड़े।
मध्य प्रदेश की सबसे प्रमुख सीटों में से एक इंदौर में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किसी उम्मीदवार से नहीं, बल्कि नोटा से हुआ। यहां बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की, उन्होंने 1008077 वोटों से जीत दर्ज की है, लालवानी को कुल 1226751 वोट मिले। इंदौर सीट पर दूसरे नंबर पर नोटा है जिसे 2 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। नोटा में कुल 218674 वोट पड़े।
आपको बता दें, इंदौर लोकसभा सीट चर्चाओं में रही है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया था। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय सोलंकी को 51659 तो अखिल भारतीय परिवार पार्टी के पवन कुमार को लगभग 15210 वोट हासिल हुए हैं। इंदौर लोक सभा सीट पर बीजेपी ने शंकर लालवानी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया था। उनके खिलाफ कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को मैदान में उतारा, मगर उन्होंने पर्चा वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए।
कांग्रेस के उम्मीदवार द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस की ओर से नोटा का प्रचार किया गया था और इसके लिए एक अभियान भी चलाया गया। राज्य में 29 लोकसभा सीटें है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 तो कांग्रेस ने एक स्थान पर जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी सभी सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
सबसे पहले कहां हुआ नोटा का उपयोग?
भारत निर्वाचन आयोग ने 11 अक्टूबर 2013 से ईवीएम और मतपत्रों में नोटा का विकल्प उपलब्ध कराना शुरू किया था। नोटा का विकल्प मतपत्रों और ईवीएम के अंतिम पैनल में होता है। 2013 में पहली बार नोटा का इस्तेमाल छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में किया गया था।
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