अगर आप सिविल सेवाओं की करते हैं तैयारी तो ये खबर आपके लिए है, अगली बार परीक्षा देने का शायद आपको न मिले मौका
नीति अयोग ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा है कि सिविल सेवाओं के लिए सिर्फ एक ही परीक्षा होनी चाहिए। मौजूदा वक्त में केंद्र और राज्य स्तर पर 60 से ज्यादा अलग-अलग तरह की सिविल सेवाओं की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
अगर आपकी उम्र 27 साल है और आप सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि यह साल आपके लिए बेहद अहम हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस साल के बाद शायद आपको अगले साल सिविल सेवा की परीक्षाएं देने का मौका न मिले।
नीति आयोग ने सिविल सेवाओं के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र कम किए जाने की सिफारिश की है। अपनी सिफारिश में नीति आयोग ने कहा है कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए मौजूदा अधिकतम उम्र 32 से घटाकर 27 साल कर दी जानी चाहिए। नीति आयोग ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा कि इसे साल 2022-23 तक लागू कर देना चाहिए।
इसके अलावा नीति अयोग ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा है कि सिविल सेवाओं के लिए सिर्फ एक ही परीक्षा होनी चाहिए। मौजूदा वक्त में केंद्र और राज्य स्तर पर 60 से ज्यादा अलग-अलग तरह की सिविल सेवाओं की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
नीति आयोग ने ‘नये भार के लिए रणनीति @75’ नाम से दस्तावेज बुधवार को जारी किया। अपनी रिपोर्ट में नीति आयोग ने यह भी सुझाव दिया गया है कि नौकरशाही में उच्च स्तर पर विशेषज्ञों की लेटरल एंट्री को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आयोग ने कहा है कि ऐसा करने से हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी।
गौतलब है कि मौजूदा समय में सिविल सेवाओं में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की औसत उम्र साढ़े 25 साल है और भारत की एक-तिहाई से ज्यादा आबादी की उम्र इस समय 35 साल से कम है।
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