नीलाभ के अंतिम अवशेष प्रकृति में विलीन: सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने न...
नीलाभ का आज सुबह अस्थि विसर्जन कर दिया गया। चेन्नई में इलियट्स बीच पर नीलाभ के अंतिम अवशेष सूर्य, जल, रेत और हवा के बीच अथाह जलसागर में विलीन हो गए।
नेशनल हेरल्ड और नवजीवन के एडिटर इन चीफ नीलाभ मिश्र की अस्थियों को रविवार सुबह करीब 6 बजे चेन्नई में समुद्र में विसर्जित कर दिया गया। उनके मित्र और रिश्तेदार उनकी जीवन पर्यंत संगिनी रही कविता और दूसरे कॉमरेड्स के साथ रविवार सुबह चेन्नई के इलियट्स बीच पर पहुंचे और उनकी अस्थियों को सूर्य की चमकती किरणों, जल की आकाश की ओर लपकती लहरों, शांत वेग के साथ बहती हवा और गीली रेत की मौजूदगी में सागर में विलीन कर दिया।
उनके मित्र सुमीर अस्थि कलश लेकर एक मछुआरे के साथ समुद्र में गहरे उस जगह तक गए जहां तक सागर की लहरों ने प्रतिरोध नहीं किया। यहां से आगे मछुआरे ने अस्थि कलश को और गहरे-आगे ले जाकर नीलाभ के आखिरी अवशेषों को समुद्र में विसर्जित कर दिया।
जिस समय नीलाभ की अस्थियों को विसर्जित किया गया, उस समय सूर्योदय हो रहा था, और कभी-कभी बादलो से अठखेलियां करता नजर आया, और आखिरकार अपने पूरे सौंदर्य के साथ समुद्र की लहरों को आलोकित कर दिया।
नीलाभ के अस्थि विसर्जन पर नीलाभ के साथियों ने कुदरत की खूबसूरती के लिए गीत गाए। इस दौरान समुद्र की लहरें ऊपर-नीचे होकर मानो इस विदाई को स्वीकृति दे रही हों। इस मौके पर नीलाभ की संगिनी कविता ने पुराना गीत, ‘ओह रे ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में, सागर मिले कौन से जल में....कोई जाने न....ओ मितवा रे....’ गाकर नीलाभ को आखिरी विदाई दी।
नीलाभ सदा खाने-पीने के शौकीन रहे, इसलिए उनके साथियों ने विसर्जन के बाद वहीं समुद्र तट पर नारियल पानी और टिफिन ब्रेकफास्ट के साथ नीलाभ को याद किया।
नीलाभ के लिए दिल्ली में प्रार्थना सभा 28 फरवरी को लोधी रोड स्थिक चिन्मय मिशन में होगी
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Published: 25 Feb 2018, 10:28 AM