राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को लेकर विवाद, कई विजेताओं ने किया बहिष्कार का ऐलान
65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार नहीं मिलने की खबर से नाराज कई विजेताओं ने पुरस्कार समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है।
भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम के लिए हर वर्ष दिए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का अपना एक विशेष स्थान है। फिल्म से जुड़ा हर कलाकार ये पुरस्कार पाने की चाह रखता है। लेकिन इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के समारोह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 3 मई को होने वाले 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह का कई पुरस्कार विजेताओं ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है। दरअसल पुरस्कार वितरण में विजेताओं को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार दिया जाता है।
लेकिन 65वें पुरस्कार समारोह से एक दिन पहले 2 मई को हुए ड्रेस रिहर्सल के दौरान विजेताओं को जानकारी मिली कि सभी विजेताओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह पुरस्कार नहीं मिलेंगे, क्योंकि राष्ट्रपति समारोह में केवल एक घंटे के लिए ही मौजूद रहेंगे और इस दौरान 140 में से सिर्फ 11 विजेताओं को ही अपने हाथों से पुरस्कार देंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में राष्ट्रपति कई पुरस्कारों के दिए जाने के बाद पहुंचेंगे और 11 विजेताओं को ही पुरस्कार देंगे। वहीं बाकी अन्य विजेताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव नरेंद्र कुमार सिन्हा देंगे।
इसके विरोध में कई पुरस्कार विजेता फिल्म कलाकारों ने पुरस्कार समारोह का बहिष्कार करते हुए उसमें शामिल नहीं होने का ऐलान किया है। नाराज कलाकारों का कहना है कि बीते साल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने हाथों से हर एक विजेता को पुरस्कार दिए थे। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विजेताओं की नाराजगी की जानकारी मिलते ही सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी विजेताओं को समझाने की कोशिश की है। लेकिन ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि कलाकार मान गए हैं या नहीं।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की शुरुआत साल 1954 में की गई थी। भारतीय सिनेमा जगत में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को काफी अहम माना जाता है। 13 अप्रैल को निर्देशक शेखर कपूर की अध्यक्षता वाली जूरी ने 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा की थी।
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