मेरे भगवान भारत के गरीब लोग, नफरत और हिंसा को पसंद नहीं करती देश की जनता: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘केरल, उत्तर प्रदेश और अन्य सभी राज्यों के लोगों ने प्रधानमंत्री को दिखा दिया कि आप हमें यह नहीं बता सकते कि हम क्या चाहते हैं। भारत के लोगों ने उनसे कहा कि संविधान हमारी आवाज है। संविधान को मत छुओ।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि वह इस दुविधा में हैं कि उन्हें वायनाड और रायबरेली लोकसभा सीट में से कौन सी सीट छोड़नी चाहिए। गांधी ने 2024 के आम चुनाव में इन दोनों सीट पर जीत दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि वह जो भी निर्णय लेंगे, दोनों निर्वाचन क्षेत्र के लोग उससे खुश होंगे। उन्होंने लोकसभा में दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें चुनने के लिए वायनाड के लोगों को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस नेता ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘मैं आपसे जल्द ही मिलने की उम्मीद करता हूं। मेरे सामने दुविधा है कि मैं वायनाड का सांसद बना रहूं या रायबरेली का। मैं उम्मीद करता हूं वायनाड और रायबरेली दोनों ही मेरे फैसले से खुश होंगे।’’
लगातार दूसरी बार वायनाड लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीत हासिल करने के बाद यह उनकी राज्य में पहली यात्रा है।
गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें भगवान से कोई निर्देश नहीं मिलता कि क्या करना है, जैसा कि प्रधानमंत्री अपने बारे में दावा करते हैं।
मोदी का उपहास उड़ाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान ने प्रधानमंत्री को देश के प्रमुख हवाईअड्डों और बिजली संयंत्रों को अडाणी को सौंपने का निर्देश दिया है और फिर भगवान उन्हें (मोदी को) रक्षा क्षेत्र में उद्योगपति की मदद करने के लिए ‘‘अग्निवीर’’ योजना लाने का निर्देश देते हैं।
गांधी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, मेरे पास यह सुविधा नहीं है क्योंकि मैं एक इंसान हूं और भगवान मुझे आदेश नहीं देते। मेरे लिए, यह बहुत आसान है। मेरे भगवान भारत के गरीब लोग हैं। मेरे भगवान वायनाड के लोग हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई भारत के संविधान की रक्षा के लिए थी और उस लड़ाई में नफरत को प्यार ने, अहंकार को विनम्रता ने हराया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ लाखों भारतीय हैं जो अपनी विभिन्न परंपराओं, भाषाओं, संस्कृतियों और इतिहास को संरक्षित रखना चाहते हैं और वे ही अपना भविष्य तय करेंगे।
गांधी ने दावा किया कि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं, जिन्होंने कहा कि वे तय करेंगे कि कौन सी भाषाएं बोली जानी चाहिए और किन परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए। लोकसभा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री और शाह की ओर से ‘‘बुनियादी गलतफहमी’’ थी।
गांधी ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री और शाह ने) सोचा कि उनके पास राजनीतिक ताकत है, उनके पास प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग है, इसलिए वे लोगों को निर्देश दे सकते हैं कि क्या होने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केरल, उत्तर प्रदेश और अन्य सभी राज्यों के लोगों ने प्रधानमंत्री को दिखा दिया कि आप हमें यह नहीं बता सकते कि हम क्या चाहते हैं। भारत के लोगों ने उनसे कहा कि संविधान हमारी आवाज है। संविधान को मत छुओ।’’
गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री वाराणसी में हारते-हारते बाल-बाल बच गये और अयोध्या में भाजपा हार गई।
उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या के लोगों ने भी भाजपा को संदेश दिया कि हम नफरत और हिंसा को पसंद नहीं करते। भारत के लोगों ने जो सबसे बड़ा संदेश दिया, वह यह था कि हमारे पास अनेक परंपराएं, राज्य, धर्म और इतिहास हैं और उनमें से प्रत्येक का सम्मान किया जायेगा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को अब अपना रवैया बदलना होगा क्योंकि भारत की जनता ने उन्हें स्पष्ट संदेश दे दिया है। उन्होंने केंद्र में बनी सरकार को ‘पंगु’ करार दिया और कहा कि विपक्ष ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है।
गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अब अपना रवैया बदलना होगा क्योंकि भारत की जनता ने उन्हें स्पष्ट संदेश दे दिया है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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