दक्षिण भारत में तबाही मचाने के बाद ‘ओखी’ तुफान के मुंबई और गुजरात पहुंचने का खतरा
दक्षिण भारत में भयंकर तबाही मचाने के बाद ओखी तूफान का असर मुंबई और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दिख सकता है। यह तूफान गुजरात के खंभात की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है और 6 दिसंबर को इसके तट से टकरा सकता है।
दक्षिण भारत में भयंकर तबाही मचाने के बाद ओखी तूफान का असर मुंबई और महाराष्ट्र के दूसरे तटीय इलाकों में दिख सकता है। ऐहतियात के तौर पर मुंबई के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, ओखी तूफान 5 दिसंबर की शाम मुंबई पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने समुद्र तट से पास के इलाकों में रहनेवाले लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए हैं। यह तूफान गुजरात के खंभात की खाड़ी की ओर भी बढ़ रहा है और 6 दिसंबर को इसके तट से टकरा सकता है।
ओखी तूफान कोलंबो से होता हुआ कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोजीकोड, कोच्चि तक पहुंच चुका है और इसके मुंबई और गुजरात पहुंचने की आशंका है।
केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए 10 कोस्ट गार्ड शिप, 6 विमान, 4 हेलिकॉप्टर और नौसेना के 10 जहाजों को बचाव और राहत कार्य के लिए लगाया है।
तबाही मचा रहे चक्रवाती समुद्री तूफान ओखी से प्रभावित अरब सागर के दक्षिण पश्चिमी और लक्षद्वीप समूह के इलाकों में नौसेना का बचाव और राहत अभियान चल रहा है। प्रभावित तटों पर मदद पहुंचाने के लिए नौसेना के कई युद्धपोत तैनात किए गए हैं। इन युद्धपोतों के अलावा निगरानी विमान को भी अभियान में लगाया गया है।
'ओखी' की वजह से 4 दिसंबर की शाम मुंबई में जमकर बारिश हुई।
26 नवंबर को श्रीलंका के पास से ओखी चक्रवात उठा था, जो धीरे-धीरे केरल पहुंच गया। चक्रवात से समुद्र में मछली पकड़ने गए सैकड़ों मछुआरे लापता हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
देश के दक्षिणी हिस्से में चक्रवाती तूफान 'ओखी' से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ पड़ा है। 'ओखी' तूफान का नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है, जिसका बंगाली में मतलब 'आंख' होता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक ने चक्रवातों का नामकरण 2000 में शुरू किया था। चक्रवातों का नाम इसलिए रखा जाता है कि इनके बारे में आसानी से बात की जा सके और आम लोगों को इनके बारे में चेतावनी दी जा सके।
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