बायजू और शाहरुख को बड़ा झटका! एमपी के कंज्यूमर कोर्ट ने फीस लौटाने और मुआवजा देने का दिया आदेश
अदालत ने यह भी कहा कि बायजू के स्थानीय प्रबंधक और अभिनेता खान को दीक्षित को संयुक्त रूप से या अलग-अलग राशि का भुगतान करना होगा।
मध्य प्रदेश की जिला उपभोक्ता अदालत ने बायजू के प्रबंधक और उसके प्रमोटर और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को एक महिला की शिकायत पर 'धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार' के लिए नोटिस जारी किया है और उन्हें मुआवजा देने और फीस वापस करने को कहा है। यह कार्रवाई इंदौर की एक महिला प्रियंका दीक्षित की शिकायत पर की गई है। महिला ने शिकायत की थी कि उसे 2021 में आईएएस की तैयारी के लिए बायजू की कोचिंग (कोर्स) में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया गया और 1.8 लाख रुपये फीस जमा कराई गई, लेकिन उसे कोचिंग की सुविधा नहीं दी गई।
उनका आरोप है कि राशि वापसी का आश्वासन देने के बाद भी वापस नहीं की गयी। इसके बाद महिला ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने 13 जनवरी, 2021 को जारी इसके विज्ञापन से प्रभावित होकर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी के लिए फर्म के कोचिंग कोर्स में दाखिला लेने का दावा करने के बाद अभिनेता शाहरुख खान को प्रतिवादियों में से एक के रूप में नामित किया था।
बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए इंदौर जिला उपभोक्ता अदालत ने आदेश दिया कि परिवादी द्वारा भुगतान की गई राशि को वापस किया जाए। अदालत ने कहा, 2021 में प्रवेश के समय शिकायतकर्ता प्रियंका दीक्षित द्वारा जमा की गई फीस में 1.08 लाख रुपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए जाने चाहिए, जबकि 5,000 रुपये मुकदमेबाजी के लागत के रूप में और 50 हजार रुपये मानसिक पीड़ा के मुआवजे के रूप में दिया जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि बायजू के स्थानीय प्रबंधक और अभिनेता खान को दीक्षित को संयुक्त रूप से या अलग-अलग राशि का भुगतान करना होगा।
आईएएनएस के पास उपलब्ध आदेश की कॉपी में कहा गया, चूंकि प्रतिवादी (बायजू के प्रबंधक और अभिनेता शाहरुख खान) मामले में नोटिस दिए जाने के बाद भी अनुपस्थित रहे और उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, इसलिए उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई।
दीक्षित के वकील सुरेश कांगा ने कहा कि अदालत ने बायजू के इंदौर स्थित प्रबंधक और अभिनेता शाहरुख खान को नोटिस जारी किया है और उन्हें 30 दिनों के भीतर आदेश का पालन करने के लिए कहा है।
अधिवक्ता कांगा ने रविवार को फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, चूंकि अदालत ने दोनों प्रतिवादियों को अगले 30 दिनों के भीतर अपने आदेश का पालन करने के लिए कहा है, इसलिए हम उनके जवाब की प्रतीक्षा करेंगे। यदि नहीं, तो हम आगे की कार्रवाई करेंगे।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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