जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: अंतिम चरण के लिए 20 हजार से अधिक मतदान कर्मचारी तैनात, 415 उम्मीदवार मैदान में

जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आनंद जैन ने कहा कि मतदान वाले क्षेत्रों में ‘आतंकवाद मुक्त और शांतिपूर्ण’ मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण की पूर्व संध्या पर सोमवार को सात जिलों में 20,000 से अधिक मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस चरण के चुनाव में दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों तारा चंद एवं मुजफ्फर बेग समेत 415 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।

इस चरण के चुनाव में अहम झलकियों में पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि समाज और गोरखा समुदाय की भागीदारी होगी, जिन्हें अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद ही विधानसभा, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायत चुनावों में मतदान का अधिकार मिला है। इससे पहले वे क्रमशः 2019 और 2020 में ब्लॉक विकास परिषद और जिला विकास परिषद चुनावों में मतदान कर चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: अंतिम चरण के लिए 20 हजार से अधिक मतदान कर्मचारी तैनात, 415 उम्मीदवार मैदान में

इस महत्वपूर्ण चरण में 39.18 लाख से अधिक मतदाता 5,060 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। इस चरण में 40 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे जो जम्मू क्षेत्र के जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में हैं। यह चुनाव एक अक्टूबर को होगा।

जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आनंद जैन ने कहा कि मतदान वाले क्षेत्रों में ‘आतंकवाद मुक्त और शांतिपूर्ण’ मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: अंतिम चरण के लिए 20 हजार से अधिक मतदान कर्मचारी तैनात, 415 उम्मीदवार मैदान में

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों चुनाव कर्मचारी चुनाव सामग्री के साथ आज सुबह अपने-अपने जिला मुख्यालयों से रवाना हो गए, ताकि शाम तक वे अपने निर्धारित मतदान केन्द्रों पर अपना पहुंच सकें।

पहले चरण में मतदान प्रतिशत काफी अच्छा रहा था, 18 सितंबर को पहले चरण में 61.38 फीसदी तथा 26 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था।

अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू -कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसके नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पांडुरंग के. पोले के अनुसार, अंतिम चरण में 40 विधानसभा क्षेत्रों में 39.18 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। इनमें से 24 सीट जम्मू क्षेत्र में और 16 सीट कश्मीर घाटी में हैं।

पोले ने बताया कि मतदान वाले जिलों में कुल 5,060 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 50 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन महिलाओं द्वारा किया जाएगा, जिन्हें ‘पिंक मतदान केन्द्र’ कहा जाता है। सीईओ के मुताबिक, इसके अलावा 43 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन दिव्यांग व्यक्तियों के हाथों में होगा जबकि 40 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन युवा करेंगे।


उन्होंने बताया कि पर्यावरण संबंधी चिंता को लेकर संदेश देने के लिए 45 हरित मतदान केंद्र होंगे तथा 33 अनूठे मतदान केंद्र होंगे। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के लिए नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 29 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

पोले ने कहा कि सभी मतदान केन्द्रों के परिसर में 1.07 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। तीसरे चरण के चुनाव के लिए 20,000 से अधिक मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।

सीईओ ने बताया कि कुल 39,18,220 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं, जिनमें 20,09,033 पुरुष मतदाता, 19,09,130 ​महिला मतदाता और 57 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं। उनके मुताबिक, इस चरण में 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.94 लाख युवा, 35,860 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के 32,953 बुजुर्ग मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।

उन्होंने बताया कि मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। इसके अलावा, अगर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र परिसर में कतार में खड़े हैं तो शाम छह बजे के बाद भी मतदान जारी रहेगा।


इस चरण में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन और नेशनल पैंथर्स पार्टी इंडिया के अध्यक्ष देव सिंह जैसे प्रमुख नेताओं की किस्मत दांव पर है। लोन कुपवाड़ा की दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि सिंह उधमपुर की चेनानी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्व मंत्री रमन भल्ला (आरएस पुरा), उस्मान माजिद (बांदीपुरा), नजीर अहमद खान (गुरेज़), ताज मोहिउद्दीन (उरी), बशारत बुखारी (वागूरा-क्रीरी), इमरान अंसारी (पट्टन), गुलाम हसन मीर (गुलमर्ग), चौधरी लाल सिंह (बसोहली), राजीव जसरोटिया (जसरोटा), मनोहर लाल शर्मा (बिलावर), शाम लाल शर्मा और अजय कुमार सधोत्रा ​​(जम्मू उत्तर), मूला राम (मढ़), चंद्र प्रकाश गंगा और मंजीत सिंह (विजापुर) समेत अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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