सेना में रिक्तियों की डेटा छिपाकर देश को गुमराह कर रही मोदी सरकार, अग्निपथ योजना से युवाओं का भविष्य हुआ बर्बाद: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष ने साथ ही सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की भी मांग की। ताकि राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उन रिक्तियों को भरने के लिए व्यापक उपाय किए जा सकें।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सशस्त्र बलों में पड़े खाली पदों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने और संस्थानों को कमजोर करने के आरोप लगाए हैं। खड़गे ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी के नकली राष्ट्रवादियों ने देशभक्त युवाओं पर अग्निपथ योजना थोपकर उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया एक्स पर डाले अपने पोस्ट में सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग की है।
खड़गे ने लिखा, "मोदी जी, आपकी अयोग्य सरकार ने अब सशस्त्र बलों में रिक्तियों पर महत्वपूर्ण डेटा छिपाकर देश को गुमराह करना और संस्थानों को कमजोर करना शुरू कर दिया है।"
उन्होंने कहा, "बीजेपी के नकली राष्ट्रवादियों ने पहले हमारे देशभक्त युवाओं पर अग्निपथ योजना थोपी और उनका भविष्य बर्बाद कर दिया, और अब सरकार ने इस महत्वपूर्ण जानकारी को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम से पूछा, "मोदी जी, आपकी सरकार पिछले कुछ वर्षों से समय-समय पर अधिकारियों, सैनिकों, जेसीओ और चिकित्सा अधिकारियों की रिक्तियों की संख्या से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित करती रही है। हमें समझ में नहीं आ रहा है कि आपने अचानक इसे अब देने से इनकार क्यों कर दिया। क्या आपको डर है कि रिक्तियों की संख्या पर यह जानकारी आपके द्वारा सशस्त्र बलों पर एकतरफा थोपे गए अग्निवीर योजना पर और अधिक प्रश्नचिह्न लगाएगी?"
खड़गे ने अपने पोस्ट में केंद्र सरकार द्वारा इससे पहले रिक्तियों से संबंधित कब-कब जानकारी दी गई उसका ब्योरा भी दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पहले भी ऐसे उदाहरण रहे हैं जहां रक्षा मंत्रालय ने यह महत्वपूर्ण जानकारी दी है। अब क्यों रोका जा रहा है?
उन्होंने कहा कि मार्च 2023 में सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सशस्त्र बलों में 1.55 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने साथ ही सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की भी मांग की। ताकि राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उन रिक्तियों को भरने के लिए व्यापक उपाय किए जा सकें।
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