कोर्ट परिसर में धमकी के बाद मॉब लिंचिंग के चश्मदीद गवाह की पत्नी की सड़क दुर्घटना में मौत
गवाही देने के लिए कोर्ट पहुंचे झारखंड मॉब लिंचिंग केस के चश्मदीद गवाह की पत्नी की रहस्यमय हालात में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। आरोप है कि कोर्ट परिसर में ही उसे अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी।
भीड़ की हिंसा की गवाही देने अदालत पहुंचे चश्मदीद को कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं अंजाम भुगतने की धमकी दी, और कुछ ही देर बाद उसकी पत्नी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। घटना गुरुवार 12 अक्टूबर को झारखंड के रामगढ़ में हुई। चश्मदीद ने इस मौत को साजिशन हत्या करार दिया है और जांच की मांग की है।
झारखंड के रामगढ़ में अलीमुद्दीन अंसारी लिंचिंग केस में नया मोड़ आ गया है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे हत्या के चश्मदीद गवाह की जलील अंसारी पत्नी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। जलील अंसारी की पत्नी मॉब लिंचिंग में मारे गए अलीमुद्दीन की सगी बहन थी। इस दुर्घटना के बाद अलीमुद्दीन की पत्नी और चश्मदीद जलील अंसारी ने आरोप लगाया है कि ये दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या है, क्योंकि उसे कोर्ट परिसर में ही बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने गवाही देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।
इस साल 29 जून को एक व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी उर्फ
असगर अली की भीड़ रामगढ़ शहर के बजर्रट में घेर कर हत्या कर दी थी। भीड़ का आरोप था कि अलीमुद्दीन कथित तौर पर गोमांस ले जा रहा था। भीड़ ने अलीमुद्दीन की हत्या के बाद उसके वाहन और एक अन्य वाहन में आग लगा दी थी। इस हत्या का आरोप बजरंग दल पर लगा था।
गुरुवार यानी 12 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई थी, जिसमें हत्याकांड के चश्मदीद गवाह जलील अंसारी के अदालत में बयान होने थे। जलील अंसारी समय से अदालत पहुंच गया, लेकिन ऐन मौके पर उसे बताया गया कि गवाही के लिए उसका आधार कार्ड होना जरूरी है। इस पर जलील ने पत्नी को अलीमुद्दीन के बेटे के साथ मोटरसाइकिल से घर भेजकर आधार कार्ड लाने को कहा। कहा जाता है कि अदालत से कुछ ही दूर जाने किसी अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल में पीछे से टक्कर मार दी जिसमें जलील अंसारी की पत्नी की मौके पर ही मौत हो गयी और मोटरसाइकिल चला रहा अलीमुद्दीन का बेटा घायल हो गया।
इस दुर्घटना के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई है। इस दुर्घटना पर अलीमुद्दीन की पत्नी मरियम खातून ने कहा है कि यह दुर्घटना नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश से की गई हत्या है। नवजीवन से फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बजरंग दल के लोग उन्हें पहले से ही अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे थे। इस मामले में उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है।
मामला बढ़ने पर पुलिस ने इस हत्याकांड के सिलसिले में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया और 5 को गिरफ्तार किया था जिसमें बीजेपी नेता नित्यानंद महतो और संतोष भी शामिल थे। इस घटना के बाद पूरे इलाके में जबरदस्त तनाव हो गया था जिस पर धारा 144 लगाना पड़ी थी।
भीड़ की हिंसा का यह मामला विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया था, जिसके बाद झारखंड सरकार ने एक फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर मामले में जल्द सुनवाई करने को कहा था। इसी कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी थी, जिसके बाद यह दुर्घटना हुई है। फिलहाल इस मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia