मिस इंडिया बनीं अनुकृति वास ट्रांसजेंडरों की शिक्षा के लिए करती हैं काम, कहा, अकेली मां से मिली प्रेरणा
अनुकृति फिलहाल चेन्नई के लोयोला कॉलेज से फ्रेंच भाषा में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। वह उद्यमी बनना चाहती हैं। वह राज्यस्तरीय एथलीट भी हैं, वह सुपरमॉडल बनना चाहती हैं। भाग्य में उनका मजबूत विश्वास उन्हें हर समय आत्मविश्वास से भरा रखता है।
ट्रांसजैंडरों की शिक्षा के लिए काम कर रहीं मिस इंडिया वर्ल्ड अनुकृति वास को लगता है कि उनका पालन-पोषण करने वाली अकेली मां से उन्होंने यह सीखा है कि एक मुस्कान से सारे काम हो जाते हैं। 19 साल की वास को लगता है कि अकेली मां के संरक्षण में पलना-बढ़ना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन हर परिस्थिति में मजबूत बने रहने से वह आगे बढ़ती गईं।
अनुकृति ने बताया, "मेरी चुनौतियां स्कूल से ही शुरू हो गई थीं, क्योंकि मैं किसी शहर से नहीं आई थी। मैंने त्रिची (तिरुचिरापल्ली) में पढ़ाई की, जो वास्तव में शहर नहीं है.. लेकिन मैं बहुत मजबूत हूं, क्योंकि मेरी मां ने मुझे कभी कमजोर नहीं होने दिया। वह कहा करती थीं, 'तुम एक मजबूत इंसान हो। तुम रो कैसे सकती हो?' और इस तरह उन्होंने मुझे प्रेरित किया।"
उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें कभी निराश नहीं देखा। उनके सामने कई समस्याएं रहती थीं, लेकिन उन्होंने कभी भी मेरे सामने उन समस्याओं को जाहिर नहीं किया। इससे मुझे प्रेरणा मिली। अगर मेरे अंदर कभी कुछ रहा भी, तो उसे मैंने किसी दूसरे व्यक्ति के सामने जाहिर नहीं किया, क्योंकि मुझे लगता है कि एक मुस्कान सामने वाले को ऊर्जा देती है। मैंने अपनी मां से यही सीखा है।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे हर तरह से प्रेरित किया और वह एक महान आदर्श रही हैं।"
वास की मां सेलीना एक आईटी कंपनी में काम करती हैं।
अनुकृति फिलहाल चेन्नई के लोयोला कॉलेज से फ्रेंच भाषा में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। वह उद्यमी बनना चाहती हैं। वह राज्यस्तरीय एथलीट भी हैं, वह सुपरमॉडल बनना चाहती हैं। भाग्य में उनका मजबूत विश्वास उन्हें हर समय आत्मविश्वास से भरा रखता है।
मिस इंडिया बनने के बाद मिस वर्ल्ड 2017 मानुषी छिल्लर ने समारोह में उन्हें ताज पहनाया। हरियाणा की मीनाक्षी चौधरी पहली रनर-अप रहीं और आंध्र प्रदेश की श्रेया राव दूसरी रनर-अप पर रहीं।
अनुकृति खुद को टॉमबॉय बुलाती हैं और उन्हें बाइक चलाना पसंद है। लेकिन इससे बढ़कर वह ट्रांसजेंडरों को शिक्षित करने का काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, "मैं ट्रांसजेंडरों की शिक्षा के लिए काम कर रही हूं। स्कूल के समय का मेरा एक दोस्त ट्रांसजेंडर था और उसके परिवार ने उसे छोड़ दिया था। इसके कारण मुझे इस विषय में सोचने पर मजबूर होना पड़ा। मैं एक अनाथालय और एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) के साथ काम कर उनके बच्चों की शिक्षा में सहयोग कर रही हूं।"
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