राहुल गांधी के वायनाड ऑफिस पर हमले का मिनट दर मिनट ब्योरा, जानें कैसे क्या हुआ
हैरानी की बात यह है कि राहुल गांधी के वायनाड ऑफिस पर हमला पुलिस के सामने हुआ। घटना के वक्त डिप्टी एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर थे, लेकिन उन्होंने SFI के सदस्यों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया, बस तमाशबीन बन देखते रहे।
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में सीपीआई (एम) के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने 24 जून को दोपहर 3 बजे से शाम 4.30 से बीच वायनाड के सांसद राहुल गांधी के ऑफिस पर हमला किया।
दोपहर करीब 3 बजे कलपेट्टा के कैनाटी में गौतम टॉवर में स्थित वायनाड सांसद के ऑफिस के बाहर एसएफआई के कार्यकर्ताओं का एक समूह इकट्ठा होता है। इस बिल्डिंग में एक अस्पताल और दो मेडिकल स्कैनिंग सेंटर भी हैं। ये लोग बिल्डिंग के पार्किंग जहां एम्बुलेंस खड़ी होती है, वहां इकट्ठा होते हैं।
ये यहां विरोध-प्रदर्शन कर रहे होते हैं, इसी बीच एसएफआई के करीब 50 उपद्रवी बिल्डिंग की पहली मंजिल पर पहुंचते हैं और राहुल गांधी के ऑफिस में घुसरकर तोड़फोड़ करने लगते हैं। इसी बीच कुछ उपद्रवियों ने ऑफिस के पिछली खिड़की को खोल दिया, उसके बाद कई लोग अंदर घुसे और जमकर उत्पात मचाया।
एसएफआई के गुंडों ने न सिर्फ राहुल गांधी के ऑफिस में जमकर तबाही मचाई और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। बल्कि सांसद के कर्मचारियों पर हमला किया और उनके साथ मारपीट भी की। हमले के वक्त ऑफिस में उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कि, एसएफआई के लोग एक घंटे से ज्यादा समय तक वायनाड सांसद के ऑफिस में तोड़फोड़ करते रहे। इस दौरान उनका एक समूह ऑफिस के बाहर भी प्रदर्शन करता रहा।
हैरानी की बात यह है कि सब कुछ पुलिस के सामने हुआ। घटना के वक्त डिप्टी एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर थे, लेकिन उन्होंने SFI के सदस्यों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया, बस तमाशबीन बन देखते रहे। घटना के एक वीडियो से ऐसा लगता है जैसे राज्य की पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के बजाय एसएफआई सदस्यों की सुरक्षा कर रही थी। बता दें कि केरल के सीएम मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पास गृह विभाग भी है और राज्य की पुलिस भी उनके ही हाथ में है। लेकिन पुलिस पूरे घटनाक्रम को एक आम नागरिक की तरह बस दर्शक बन देखती रही और एसएफआई के गुंडे खुलेआम राहुल गांधी के ऑफिस में तबाही मचाते रहे।
सांसद के एक कर्मचारी ऑगस्टिन को पुलिस के सामने इतना पीटा गया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, सीने में दर्द था, लेकिन फिर भी पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, चिकित्सा सहायता के लिए कई बार अनुरोध करने के बाद भी पुलिस की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
इसी बीच इलाके के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमले की खबर सुनी और राहुल गांधी के कार्यालय पहुंच गए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस से हमले को रोकने के लिए कहा, लेकिन पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ। इसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस भी हुई। इसके बाद पुलिस ने हमले को रोकने के बजाए कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर ही लाठी चार्ज कर दिया।
पुलिस लाठीचार्ज में कांग्रेस के कम से कम चार कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन्हें वायनाड और कलपेट्टा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कांग्रेस कलपेट्टा मंडलम के अध्यक्ष गिरीश के हाथ में कई फ्रैक्चर है। एक और कार्यकर्ता बिनशाद के कंधे में फ्रैक्चर है, उन्हें भी पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा गया था। वहीं कलपेट्टा मंडलम के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्रन के घुटने में गंभीर चोट आई है, तो डिंटो जोस की तो खोपड़ी ही फ्रैक्चर हो गई है।
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। नेशनल हेराल्ड ने घटना पर टिप्पणी और जांच पर अपडेट के लिए वायनाड के एसपी अरविंद सुकुमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
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Published: 25 Jun 2022, 5:00 PM