योगी सरकार के मंत्री का दावा, राम मंदिर बनकर रहेगा, क्योंकि सरकार भी हमारी और सुप्रीम कोर्ट भी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने एक विवादित बयान देते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा, क्योंकि कार्यपालिका भी हमारी है और सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है।
बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट में चल रही अंतिम सुनवाई के बीच उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के एक मंत्री ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि राम मंदिर बनकर रहेगा, क्योंकि कार्यपालिका भी हमारी है और सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है। राज्य सरकार में कैबनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा बहराइच के कैसरगंज से बीजेपी विधायक हैं। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “बीजेपी मंदिर के मुद्दे पर नहीं, विकास के मुद्दे पर सत्ता में आई है और राम मंदिर हमारा आराध्य है। मंदिर जरूर बनेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है, कार्यपालिका और विधायिका भी हमारी है और देश भी हमारा है।”
हालांकि, मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश बीजेपी को इसके बचाव में उतरना पड़ा। बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह ने बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राम मंदिर का मसला न्यायालय में है और सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र है। ऐसा नहीं कह सकते कि सुप्रीम कोर्ट किसी के दबाव में है। सुप्रीम कोर्ट किसी संगठन या राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखता है।
वहीं राज्य सरकार के मंत्री के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि यह बेहद आपत्तिजनक बात है और सरासर न्यायपालिका का अपमान है। कांग्रेस नेता संजय झा ने कहा कि बीजेपी के मंत्री का यह कहना कि सुप्रीम कोर्ट उनका है, न्यायपालिका का अपमान है और सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले के संज्ञान लेगा और कड़ी कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी के किसी मंत्री या बड़े नेता ने इस तरह का बयान दिया हो। हाल ही में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अगर इस विवाद का कोई दूसरा रास्ता नहीं निकला तो केंद्र सरकार राम मंदिर बनाने के लिए संसद का रास्ता अपनाएगी। उन्होंने कहा था कि वर्तमान में उनकी पार्टी के पास संसद में पर्याप्त ताकत नहीं है। उन्होंने कहा था, “अगर हम राम मंदिर के मामले को लोकसभा में लाते भी हैं तो राज्य सभा में हमें हार मिलेगी, क्योंकि वहां हमारी ताकत कम है। जिस दिन हमारे पास ताकत आएगी उसका इस्तेमाल होगा।” हालांकि बाद में बयान पर सवाल उठने पर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया था।
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