एयरपोर्ट अथॉरिटी के आदेश से लाखों जिंदगियां दांव पर, अधिकारियों में भारी नाराजगी

देश में विमान सेवा के बुनियादी ढांचे के निर्माण, उन्नयन, जमीन और हवा दोनों में रख-रखाव और प्रबंधन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एक ऐसा आदेश दिया है, जिससे लाखों यात्रियों की जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने हाल ही में एयर ट्रैफिक सर्विस की कम्युनिकेशन नेविगेशन सर्विलांस शाखा प्रबंधक (इलेक्ट्रोनिक्स) के 324 पदों के लिए भर्ती निकाली है, जिस पर संस्था के भीतर ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। मौजूदा सहायक प्रबंधक, जूनियर एक्जीक्यूटिव (जेई) इस भर्ती को लेकर संस्था के अध्यक्ष के समक्ष कई तरीकों से अपना विरोध जता चुके हैं, लेकिन इसका कुछ खास असर होता नहीं दिख रहा है।

दरअसल, अथॉरिटी ने इन 324 पदों को भरने के लिए उम्मीदवारों के लिए जो पात्रता तय की है, उसका मौजूदा कार्यप्रणाली से कोई लेना-देना ही नहीं है। अथॉरिटी में प्रबंधक पद पर जिस कार्य के लिए भर्तियां होनी हैं, उससे संबंधित अनुभव देश के आईटी बाजार में उपलब्ध ही नहीं है। जिसके कारण जो उम्मीदवार संस्था की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार पास कर भर्ती होंगे, वे यहां के उपकरणों से वाकिफ नहीं होंगे और कार्य में होने वाली त्रुटियों से रोजाना हवाई सफर करने वालों लाखों यात्रियों की जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं।

इसके साथ ही इस फैसले से अथॉरिटी के करीब एक हजार से ज्यादा सहायक प्रबंधक और जूनियर एक्जीक्यूटिव प्रभावित हो रहे हैं। अथॉरिटी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “ऑथरिटी का यह फैसला तानाशाही को दर्शाता है। इस फैसले से यात्रियों की जिंदगियों के साथ-साथ यहां काम कर रहे सहायक प्रबंधक और जूनियर एक्जीक्यूटिव के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है।” अधिकारी ने बताया कि संस्था ने जो भर्ती का आदेश जारी किया है, उससे यहां काम करने वाले कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि संस्था ने दो साल की प्रशिक्षण अवधि को बिल्कुल समाप्त कर दिया है, जिससे पिछले 5 साल से यहां काम कर रहे सहायक प्रबंधक इस भर्ती के लिए अयोग्य हो गए हैं और यही हाल जेई पद का भी है। उनके दो साल की प्रशिक्षण अवधि बिल्कुल व्यर्थ हो चुकी है। जहां पहले वह 6 साल कार्य कर के प्रबंधक का पद हासिल सकते थे, अब उन्हें उसके लिए और ज्यादा इंतजार करना होगा।

अधिकारी के अनुसार देश में करीब 127 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं, जहां पर कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध जता चुके हैं। विरोध के बाद अथॉरिटी ने पात्रता में वृद्धि तो कर दी, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। देश भर में कर्मचारियों के विरोध पर शीर्ष अधिकारियों से उन्हें अब तक केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।

वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रबंधक स्तर के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “हालांकि संस्था में भर्ती की जरूरत है, लेकिन जो लोग पेशेवर हैं, मौजूदा काम से अवगत हैं और संस्था में पहले से कार्यरत हैं, उनकी आंतरिक परीक्षा लेकर उन्हें इस पद पर लाया जाना चाहिए, ताकि जो नई भर्ती हो उन्हें सिखाने के लिए हमें अधिक समय न खर्च करना पड़े और फिजूलखर्ची से बचा जा सके।” लेकिन इस सबके बावजूद अथॉरिटी ने अभी तक अपने आदेश पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है, जिससे वर्तमान अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी रोष देखने को मिल रहा है।

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