मनमोहन सिंह सच्चे राजनेता रहे, मोदी को अपनी विरासत के बारे में सोचना चाहिए: उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कभी न कभी, प्रधानमंत्री मोदी अपनी विरासत को देखना शुरू करेंगे। अभी, मुझे लगता है कि उनका लक्ष्य जवाहरलाल नेहरू से अधिक समय तक प्रधानमंत्री बने रहना है।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सच्चे राजनेता रहे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कभी न कभी यह सोचना पड़ेगा कि वह अपने पीछे किस तरह की विरासत छोड़ रहे हैं।
उत्तर कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि यह स्पष्ट है कि केंद्र अपने अधीन जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जिन मामलों में जांच कर रहा है उनमें 95 प्रतिशत राजनीतिक नेताओं और राजनीतिक दलों के खिलाफ हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कभी न कभी, प्रधानमंत्री मोदी अपनी विरासत को देखना शुरू करेंगे। अभी, मुझे लगता है कि उनका लक्ष्य जवाहरलाल नेहरू से अधिक समय तक प्रधानमंत्री बने रहना है।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘एक समय आता है जब हमें मंच छोड़ना पड़ता है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री कभी न कभी यह सोचना शुरू कर देंगे कि वह किस तरह की विरासत छोड़ना चाहते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी तीसरा कार्यकाल हासिल करते हैं तो और भी विपक्षी नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जाएगा, इस पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘एक राष्ट्रीय समाचार पत्र ने पहले पृष्ठ पर खबर छापी थी कि जो लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं, वे अचानक खुद को दोषमुक्त पाते हैं। इसलिए, यह एक वास्तविकता है, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में हम अनुमान लगा रहे हैं। लेकिन ठीक है। यह भाजपा के पास मौजूद कई हथकंडों में से एक है।’’
अब्दुल्ला ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में किसी का नाम लेने से इनकार करते हुए कहा कि गठबंधन को अगर अधिक संख्या में सीट मिलती हैं तो इस सवाल पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंता की बात क्यों है? लोगों को मतदान करने दीजिए, सीट आने दीजिए, हमारे पास एक प्रधानमंत्री होगा। यह तब भी चिंता का विषय नहीं था जब 'इंडिया शाइनिंग' का प्रचार किया जा रहा था। लेकिन क्या गठबंधन ने आपको प्रधानमंत्री नहीं दिया था? क्या उस समय के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने दस साल तक सफलतापूर्वक शासन नहीं किया और क्या उस समय किसी ने सोचा था कि सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे?’’
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