‘मोदी नाकामियां छिपाने को कर रहे राष्ट्रवाद का दिखावा, हमने भी किए सर्जिकल स्ट्राइक, पर नहीं उठाया चुनावी फायदा’
मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी। उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं, लेकिन हमने चुनावी लाभ लेने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया।
चुनाव प्रचार में बीजेपी के नेता अपने हर भाषण में सेना, आतंकवाद और पाकिस्तान का जिक्र करना नहीं भुलते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जनता को यह जताने में लगे हैं कि सिर्फ मोदी पीएम बनेंगे तभी देश सुरक्षित रहेगा। अगर कोई और देश का प्रधानमंत्री बना या किसी और पार्टी की सरकरा सत्ता में आई तो देश पर पाकिस्तान और आतंकवादियों का कब्जा हो जाएगा। विपक्ष इसे बीजेपी द्वारा सैन्य अभियानों का चुनावी लाभ लेने की कोशिश बता रही है।
बीजेपी के इस कोशिशि को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी निंदनीय बताया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी। उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं। उन्होंने कहा, हमने सैन्य अभियान भारत विरोधी तत्वों को जवाब देने के लिए किया न कि चुनावी लाभ लेने के लिए। उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उसे अक्षम्य रूप से असफल बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी आर्थिक मोर्चे की असफलता को छिपाने के लिए वे सैन्य बलों के शौर्य की आड़ ले रही है, जो शर्मनाक और अस्वीकार्य है।
बीजेपी के नेता मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने का श्रेय भी पीएम मोदी को देने में लगे हैं। वहीं 26/11 मुंबई हमले को लेकर भी बीजेपी के नेता मनमोहन सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। मनमोहन सिंह ने उनके इन सवालों का भी जवाब दिया है। अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मुंबई हमले के महज 14 दिनों बाद चीन लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर सहमत हो गया था। यूपीए सरकार ने मुंबई हमले के उस मास्टरमाइंड पर अमेरिका से 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित करवाया। फर्क सिर्फ यह है कि हमने कभी इस तरह के ऑपरेशन के बारे में बातें नहीं कीं।’
मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की बात पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘2008 में हुए मुंबई हमले के बाद भारत भी सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपना सकता था। यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने और कूटनीतिक तरीकों से आतंकियों के ठिकाने के रूप में उजागर करने का फैसला लिया था और हम उसमें कामयाब भी हुए। लेकिन हमने कभी इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाया।’
पूर्व प्रधानमंत्री ने मोदी पर आतंकियों के खिलाफ बनाई जाने वाली योजना में अडंगा लगाने के भी आरोप लगाए। मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जब हमारी सरकार ने नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर के जरिये तटीय सुरक्षा व्यवस्था तैयार करने का सुझाव दिया था तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही उस विचार को खारिज किया था।’
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