पीएम मोदी को मनमोहन सिंह की सलाह, कहा, सार्वजनिक भाषणों में बरतें संयम
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को सलाह दी कि उन्हें गैर बीजेपी शासित राज्यों के दौरे के दौरान संयम बरतना चाहिए और अपने आचरण के जरिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए जो प्रधानमंत्री की उनकी नैतिकता के अनुरूप हो।
राजनीतिक संवाद के स्तर में आई गिरावट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतनी चाहिए। मनीष तिवारी की किताब 'फैब्ल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स' के विमोचन के दौरान मनमोहन सिंह से जब राजनेताओं की भाषा के स्तर में आई गिरावट पर उनकी राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि वह संयम बरतें जो प्रधानमंत्री की तरह हो। प्रधानमंत्री जब उन राज्यों में जाते हैं जहां बीजेपी का शासन नहीं है तब उनका दायित्व होता है कि वह उस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें जिसका अब आमतौर पर व्यवहार हो रहा है।”
मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने और कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार ने कभी उस तरह का भेदभाव नहीं किया जिस तरह का व्यवहार मोदी रोज कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने बीजेपी शासित राज्यों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया। (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह खुद इस बात का सत्यापन कर सकते हैं। हमने वह सम्मान दिया जिसके वह अधिकारी थे।” उन्होंने मोदी से मिसाल कायम करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “वह सभी भारतवासियों के प्रधानमंत्री हैं। उनका आचरण अवश्य योग्य होना चाहिए और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके दायित्व के अनुरूप होना चाहिए।”
इस खास मौके पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला समेत कर्इ और बड़े नेता मौजूद थे। इस दौरान फारूख अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के उन बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें प्रधानमंत्री अक्सर यह कहते हुए नजर आते हैं कि पंडित नेहरू समेत कांग्रेस के नेताओं ने देश के लिए कुछ नहीं किया।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “नेहरू के योगदान को भुलाकर वे स्तर को और नीचे ले गए हैं। इंदिरा गांधी ने देश के लिए अपनी जान दे दी। क्या राजीव गांधी समेत देश कई अन्य प्रधानमंत्रियों ने इस देश को बनाने के लिए पूरा समय नहीं दिया? अगर हम यहां बैठे हैं उनकी की वजह से।”
उन्होंने कहा, “पीएम कहते हैं कि मेरी मां को गाली दिया, मेरे बाप को गाली दिया। क्या यह एक पीएम को शोभा देता है? मैंने कभी अपने माता-पिता का अपनी बातों में इस्तेमाल नहीं किया. इस देश का प्रधानमंत्री होने के नाते उन्हें थोड़ा बड़ा सोचना चाहिए।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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