राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी को 30 दिन की पैरोल, बेटी की शादी के लिए मद्रास हाई कोर्ट ने दी इजाजत
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए मद्रास हाई कोर्ट से 30 दिन का परोल मिला है। हालांकि नलिनी ने हाई कोर्ट से 6 महीने का परोल मांगा था।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को मद्रास हाईकोर्ट ने 30 दिन के पैरोल की मंजूरी दी है। नलिनी ने अपनी बेटी की शादी और उसकी तैयारी के लिए मद्रास हाईकोर्ट से 6 महीने के पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग की थी। लेकिन शुक्रवार को नलिनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 30 दिन के पैरोल की मंजूरी दी है।
नलिनी की याचिका पर शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के जस्टिस एमएम सुंद्रेश और एम निर्मल कुमार की कोर्ट में हुई। इस दौरान नलिनी भी कोर्ट में मौजूद रहीं। गौरतलब है कि नलिनी की बेटी लंदन में रहती है और इसी बेटी की शादी की तैयारियों के लिए उसने पैरोल की मांग की थी।
बता दें, राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में एक आत्मघाती मानव बम धमाके में हत्या कर दी गई थी। इस धमाके में कुल 18 लोगों की जान गई थी। इस हत्याकांड की जांच के बाद अन्य आरोपियों के साथ नलिनी की भी गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के कुछ ही महीनों बाद नलिनी ने एक बेटी को जन्म दिया। वहीं, मामले की सुनवाई के बाद अन्य आरोपियों के साथ नलिनी को भी फांसी की सजा हुई, जो सुप्रीम कोर्ट तक बरकरार रही।
इसके बाद नलिनी ने छोटी बेटी का हवाला देते हुए राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी। जिस पर खुद सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर नलिनी को माफ करने की अपील की थी। जिसके बाद 2000 में राष्ट्रपति ने दया याचिका को मंजूर करते हुए नलिनी की फांसी को रद्द कर दिया था।
नलिनी एक पढ़ी-लिखी युवती है। राजीव गांधी की हत्या के समय वह चेन्नई के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में स्टेनोग्राफर की नौकरी कर रही थी। साथ ही वह डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से मास्टर्स भी कर रही थी। राजीव हत्याकांड की सुनवाई के दौरान नलिनी ने माना था कि वह लिट्टे के एक सदस्य के संपर्क में आई, जिसके बाद उसका लिट्टे की गतिविधियों से परिचय हुआ। फिर बाद में वह इसकी सक्रिय सदस्य बन गई। कांड में शामिल नलिनी का भाई भी लिट्टे का सक्रिय सदस्य था और तमिल ईलम समर्थित साहित्य छापा करता था।
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