मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ की पत्रकारों से बेबाक बात, कहा- जारी रहेगी विकास की रफ्तार
मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार कमलनाथ ने पत्रकारों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में खुलकर अपनी बात रखा। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि राज्य के हर वर्ग को रोजगार मिले और सबकी आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि विकास की ये रफ्तार जारी रहेगी।
राजधानी भोपाल के पुराने विधानसभा भवन जो अब मिंटो हॉल कन्वेशन सेंटर में बदल चुका है, उसके भव्य सभागार में होली के मौके पर आयोजित भोज में शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों की टेबल-दर-टेबल जाकर खुलकर बात की।
कमलनाथ ने राज्य के युवाओं को युवा साल में 100 दिन प्रशिक्षण के साथ पारिश्रमिक देने के लिए स्वरोजगार योजना के तहत छिंदवाड़ा में बैंडबाजा वालों को प्रशिक्षण दिए जाने के फैसले का मजाक उड़ाने का हवाला देते हुए कहा, , "बैंडबाजा को लेकर मेरा खूब मजाक उड़ाया गया, लेकिन मेरा लक्ष्य कुछ और है। हमें उस कला को जीवित रखना है। हर जगह सेरामोनियल बैंड होता है। यहां का बैंड भी अपना अलग स्थान बना सकता है। अभी तो यह एक बैंड है, दूसरों का भी मैं बैंड बजाऊंगा।"
कमलनाथ ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि स्वरोजगार के लिए जो मौका मिलेगा, वह करूंगा। सड़कों पर आपको बैंड-बाजे बजाते लोग मिल जाते हैं, वे कितने पढ़े हैं? बैंडबाजा भी एक कला है। यहां का व्यक्ति मुंबई में बैंड बजाए, ऐसा क्यों नहीं हो सकता।"
किसान कर्जमाफी की योजना उन्होंने किस तरह बनाई, उसके लिए किस तरह से काम किया, उसका भी कमलनाथ ने सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि सत्ता में आने से लगभग छह माह पहले उन्होंने किसानों की कर्जमाफी के लिए होमवर्क शुरू कर दिया था। उसी का नतीजा है कि सत्ता में आते ही सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी का फैसला हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने तक 22 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका था। ये किसान डिफॉल्टर नहीं, बल्कि वे हैं जिनके खाते चालू हालत में थे। उनकी कोशिश थी कि 30 लाख किसानों का कर्ज आचार संहिता लगने तक माफ हो जाए। चुनाव के बाद शेष 30 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा।
किसान कर्जमाफी को लेकर बीजेपी के आरोपों का कमलनाथ ने अपने अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में जिन 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ है, उनका डाटा संरक्षित है, जो चाहे उसे हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा, “आरोप लगाना आसान काम है। हां, यह बात सही है कि कई लोगों का कर्ज अभी माफ नहीं हुआ है। 30 लाख किसानों का कर्ज माफ होना बाकी है।”
कमलनाथ ने राज्य के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य का बुरा हाल था। किसान परेशान थे, अपराध बढ़े हुए थे, आर्थिक हालत जर्जर थी। 15 साल से जो कुव्यवस्था चली आ रही थी, उसे बदलना था। लिहाजा, इसमें समय लगता है। अभी तो उनकी सरकार ने मुश्किल से 75 दिन ही काम किया है। चुनाव के बाद काम की रफ्तार जारी रहेगी।
मिंटो हॉल कन्वेंशन सेंटर के आकर्षक और भव्य सभागार में पत्रकारों के लिए अलग-अलग 15 से ज्यादा टेबल लगाई गई थीं। सफेद कुर्ता-पायजामा और काले जूते पहने कमलनाथ ने पहले पूरे सभागार में एक स्थान से दूसरे स्थान तक चहलकदमी करते हुए सामूहिक तौर पर अपनी बात कही, फिर वे एक-एक टेबिल पर गए। उन्होंने पत्रकारों के एक-एक समूह को थोड़ा-थोड़ा समय दिया। इस दौरान कमलनाथ ने उस हर सवाल का जवाब दिया जो पत्रकारों ने उनसे किया।
राजधानी के पत्रकारों के लिए कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला अनुभव था, जब उन्होंने इस तरह से मुलाकात की। आमतौर पर कमलनाथ को एक उद्योगपति और बड़े लोगों से संपर्क रखने वाले नेता के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। कमलनाथ ने इस आयोजन के जरिए पत्रकारों से सीधे संवाद कर अपनी गढ़ी गई छवि को भी तोड़ने की कोशिश की।
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