मध्य प्रदेश: आधे से ज्यादा विधायकों के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा, संघ के सर्वे से उड़ी बीजेपी की नींद
मध्य प्रदेश की सत्ता में फिर से वापसी के लिए हाथ-पैर मार रही बीजेपी की नींद संघ के एक सर्वे ने उड़ा दी है। सर्वे में राज्य में पार्टी की हालत बहुत खराब बताई गई है। डैमेज कंट्रोल के लिए आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने की चर्चा है।
बीजेपी के पैतृक संगठन आरएसएस के एक सर्वे ने मध्य प्रदेश में बीजेपी की नींद उड़ाकर रख दी है। संघ के सर्वे में सामने आया है कि प्रदेश में लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी के लिए हाथ-पैर मार रही बीजेपी की हालत बहुत खराब है और जनता में सरकार के प्रति गहरा असंतोष है। दरअसल संघ ने प्रदेश में पार्टी के मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन और सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति को लेकर एक सर्वे कराया था, जिसमें ये बात सामने आई की इस बार पार्टी की हालत बहुत खराब है और कई मौजूदा विधायकों से क्षेत्र के लोग खासे नाराज हैं। सर्वे में कई विधायकों की हालत बेहद खराब बताते हुए उनकी सीटों पर पत्याशी बदलने की सिफारिश की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी अपने आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काट सकती है।
इस सर्वे के नतीजों को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक बीजेपी खेमे में हड़कंप मच गया। सर्वे के नतीजों पर मंथन के लिए 17 अक्टूबर को भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान के आवास पर पार्टी और संघ के कई वरिष्ठ नेताओं की एक विशेष बैठक बुलाए जाने की खबर है, जिसमें तमाम नेताओं पार्टी की स्थिति को लेकर करीब पांच घंटे से ज्यादा समय तक मंथन किया। मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह और पार्टी प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत समेत अन्य कई अहम नेता शामिल हुए और पार्टी की स्थिति को लेकर कई अहम फैसले लिए। माना जा रहा है कि चुनाव में अपना चेहरा बचाने के लिए पार्टी आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने जा रही है। खबर है कि बीजेपी अपने मौजूदा 70 से 80 विधायकों का टिकट काट सकती है।
बता दें कि प्रदेश में बीजेपी की हालच कितनी खस्ता है इसका अंदाजा अमित शाह द्वारा चौहान की अनदेखी से चलता है। बीते दिनों प्रदेश दौरे पर गए अमित शाह ने अपने ही सीएम से दूरी बनाए रखी और कहीं भी उनके साथ मंच साझा नहीं किया। बता दें कि इससे पहले किये गए संघ के एक सर्वे में भी शिवराज सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पाया गया थी। खबर है कि इन सब स्थितियों को लेकर दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संघ के पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी, जिसके बाद उन्होंने चुनाव की कमान एक तरह से अपने हाथ में ले लिया है और शिवराज सिंह से एक खास तरह की दूरी बना ली है।
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधान सभा सीट हैं। 2013 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 165 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी दुर्गापूजा के बाद 20 अक्टूबर से उम्मीदवारों के नामों के चयन और ऐलान का काम शुरू कर सकती है। मिल रही जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में बीजेपी 27-28 अक्टूबर के बाद से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को एक चरण में वोट डाले जाएंगे, जबकि नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।
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