कोरोना का कहर जारी! दिल्ली को 31 मार्च तक किया गया लॉकडाउन, सील किए जाएंगे सारे बॉर्डर
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश की राजधानी को लॉकडाउन करने का ऐलान किया है, कल सुबह छह बजे से यह लॉकडाउन का आदेश मान्य होगा।
दुनियाभर में तांडव मचा रहा कोरोना वायरस ने अबतक कई लोगों की जान ले ली है। विश्वभर में अब तक इस महामारी 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। वहीं देश में भी कोरोना वायरस अपना प्रकोप दिखा रहा है। जिसके बाद सरकार को कई बड़े कदम उठाने पड़े हैं।
देश की राजधानी भी लॉकडाउन
- राजस्थान, पंजाब और देशभर के 75 से ज्यादा जिलों में लॉकडाउन के बाद अब दिल्ली में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है।
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और अनिल बैजल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान किया है।
- कोरोना से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए देश की राजधानी दिल्ली के सात जिलों को सरकार के आदेश के बाद तत्काल लॉकडाउन कर दिया गया है।
- इसमें सेंट्रल दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली को लॉक डाउन किया गया।
- केजरीवाल ने बताया कि कल सुबह छह बजे से यह लॉकडाउन का आदेश मान्य होगा। इस आदेश के बाद दिल्ली के सारे बॉर्डर सील होंगे।
- इस दौरान दिल्ली आने वाली घरेलू उड़ानों पर भी रोक लगा दी गई है।
- दिल्ली में आने वाली किसी भी सार्वजनिक वाहन को भी एंट्री नहीं दी जाएगी।
- DTC की सिर्फ 25 फीसदी बसें चलेंगी, जो जरूरी सेवाओं में लगे लोगों की मदद के लिए होंगी।
लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को देनी होगी सैलरी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सभी निजी दफ्तर भी बंद रहेंगे, लेकिन कर्मचारियों को, चाहे वो स्थाई कर्मचारी हों या अनुबंध पर, उन्हें ड्यूटी पर माना जाएगा। कंपनियों को इस वक्त की सैलरी भी कर्मचारियों को देनी होगी। आपको बता दें, दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को ही सीएम केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी लॉकडाउन होगा। केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो लोगों की बचाने के लिए हम दिल्ली को बंद कर देंगे।
क्या होता है लॉकडाउन ?
बता दें कि लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है जो सामान्य तौर पर लोगों को एक निश्चित इलाके में रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है। सामान्य तौर पर इस प्रोटोकॉल की शुरुआत प्रशासन द्वारा की जाती है। इसकी घोषणा सामान्य तौर लोगों को बड़ी आपदाओं से बचाने के लिए की जाती है। फुल लॉकडाउन का मतलब होता है कि लोग अपने घरों से बिल्कुल बाहर नहीं निकल सकते जब तक कि कोई बेहद वाजिब कारण न हो या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी न हो.।
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