LIVE जज लोया केस: राहुल गांधी ने कहा, देश के लोग समझदार हैं, उन्हें पता है अमित शाह का सच
सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाओं का कोई आधार नहीं है और ये याचिकाएं न्यायपालिका की छवि धूमिल करने की नीयत से दायर की गई थीं।
राहुल गांधी ने कहा देश के लोग समझदार, उन्हें पता है अमित शाह का सच
जज लोया केस की निष्पक्ष जांच के लिए लोगों की मांग को लेकर कांग्रेस प्रतिबद्ध: सुरजेवाला
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “जज लोया केस की निष्पक्ष जांच के लिए लोगों की मांग को लेकर कांग्रेस प्रतिबद्ध है।”
बीजेपी जज लोया की मौत पर सस्ती राजनीति पर उतारू: कांग्रेस
मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी जज लोया मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सस्ती राजनीति पर उतारू है। सुरजेवाला ने कहा, “जिन संदिग्ध हालात में जज लोया की मौत हुई, वह पूरे देश के उन व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय है, जिन्हें न्यायिक व्यवस्था में विश्वास है।” उन्होंने आगे कहा, “जज लोया की संदेहास्पद मृत्यु के बाद उनके स्थान पर आए जज ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आरोपों से बरी कर दिया। जज लोया की मृत्यु का कारण हृदयाघात बताया गया, लेकिन ईसीजी रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट में हृदयाघात का कोई सबूत नहीं मिला।”
सुरजेवाला ने कहा, “जज लोया का बंबई से नागपुर जाने का कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। यह कैसे हो सकता है कि 3 जज 2 बिस्तरों वाले एक कमरे में सो रहे हों, जबकि गेस्ट हाउस के बाकी कमरे खाली पड़े हों।” सुरजेवाला ने कहा, जज लोया के परिवार वालों ने कहा था कि उनके कपड़े खून से सने हुए थे, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जज लोया का नाम गलत तरीके से लिखा गया है।
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उठे कई सवाल: कांग्रेस
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आ गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस दौरान सुरजेवाला ने कहा, “इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं। जज लोया की बॉडी के पोस्टमॉर्टम में विसंगतियां पाई गई थीं। दो जजों, जिन्होंने जज लोया पर दबाव की बात कही थी, उनकी भी मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम करते वक्त जज लोया के परिजनों को सूचित नहीं किया गया था।”
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी आशंकाएं खत्म: डॉ. प्रशांत राठी
डॉक्टर प्रशांत राठी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सच सामने आ गया है, मुझे इससे राहत मिली है। एक वक्त था जब मेरी भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी आशंकाएं खत्म हो गई हैं।” जज लोया की बॉडी का पोस्टमॉर्टम नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुआ था। डॉक्टर प्रशांत राठी पोस्टमॉर्टम के वक्त अस्पताल में मौजूद थे।
जज लोया मामले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से और सवाल उठेंगे: अभिषेक मनु सिंघवी
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इससे और सवाल उठेंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “लोया मामले के फैसले का निष्पक्ष विश्लेषण पूर्ण तार्किक आधार पर पहुंचना चाहिए। लेकिन, जब तक इस मामले का तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, इससे और सवाल खड़े होंगे।”
उन 4 जजों का क्या जिन्होंने 12 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेस की थी: योगेंद्र यादव
स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर जज झूठ नहीं बोल सकते तो उन 4 जजों का क्या जिन्होंने 12 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेस की थी।”
जज लोया केस में फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट हैक
जज लोया केस में फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट हैक हो गई है। खबरों के मुताबिक, इसके पीछे ब्राजील के हैकर्स का हाथ है।
जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोगों में निराशा: सलमान खुर्शीद
'आप' सांसद संजय सिंह ने जज लोया केस में कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खटड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “अगर जस्टिस लोया के 4 साथी जजों ने शपथ पत्र पर कोई बयान ही नही दिया तो सुप्रीम कोर्ट किस आधार पर जस्टिस लोया की मौत की जांच से मना कर रहा है। एक रूम में 3 जज कैसे रुके?”
‘सुप्रीम कोर्ट के उन 4 जजों का क्या जिन्होंने जज लोया केस की जांच पर सवाल खड़े किए थे’
पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, “अगर जज जूठ नहीं बोल सकते तो सुप्रीम कोर्ट के उन 4 जजों का क्या जिन्होंने जज लोया केस की जांच पर सवाल खड़े किए थे। आखिर चारों जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह क्यों कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है।”
जज लोया केस में कोर्ट के फैसले पर शेहला राशिद ने सवाल खड़े किए
जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “अगर सीबीआई जज को न्याय नहीं मिल सकता तो सीबीआई कैसे किसी को न्याय दिला सकती है?”
व्यक्तिगत फायदे के लिए याचिका दायर की गई थी: मुकुल रोहतगी
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत फायदे के लिए याचिका दायर की थी न कि सार्वजनिक हित के लिए।
वकील प्रशांत भूषण ने जज लोया केस में कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ताओं की मंशा पर कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। अगर किसी जज की मौत होती है और उसकी स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करना कैसे राजनीतिक हो गया? यह तो और भी बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है कि यह फैसला किस आधार पर दिया गया।”
तहसीन पूनावाला ने कहा की हम पुनर्विचार याचिका के बारे में विचार करेंगे
जज लोया मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि हम पुनर्विचार याचिका के बारे में विचार करेंगे।
राजनीति से प्रेरित थीं सारी याचिकाएं : सुप्रीम कोर्ट
नवजीवन संवाददाता विश्वदीपक की रिपोर्टके मुताबिक याचिकाएं खारिज करने का फैसला जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनाया। फैसले में कोर्ट ने कहा कि याचिकाएं राजनीति से प्रेरित थीं। इन याचिकाओं विरोध कर रहे महाराष्ट्र सरकार के वकील का कहना है कि इससे मानहानि का मामला बनता है, लेकिन हम ऐसा नहीं करेगा।
याचिकाओं की कोई मेरिट नहीं, न्यायपालिका की छवि धूमिल करने के लिए दायर की गई थीं याचिकाएं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाओं का कोई आधार नहीं है और ये याचिकाएं न्यायपालिका की छवि धूमिल करने की नीयत से दायर की गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज कीं
सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें जज लोया की रहस्यमय हालात में हुई मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई थी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाना शुरु किया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाना शुरु कर दिया है।
जज लोया की रहस्यमय हालात में हुई मौत की स्वतंत्र जांच पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
सीबीआई कोर्ट के विशेष जज बी एच लोया की मौत की जांच विशेष जांच दल यानी एसआईटी करेगी या नहीं, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई के विशेष जज बी एच लोया की दिसंबर 2014 में संदिग्ध परिस्थितियों में नागपुर में मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन अलग-अलग मीडिया में आई खबरों और पत्रकारीय पड़ताल में जज लोया की मौत का राज और गहराता चला गया। जिस समय जज लोया की मौत हुई, वे सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। इस केस में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे।
जज लोया केस पर फैसला : सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडिया का जमावड़ा
जज लोया की रहस्यमय हालात में हुई मौत की स्वतंत्र जांच पर सुप्रीम कोर्ट कुछ देर बाद फैसला सुनाएगा। इस फैसले को लेकर देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं। कोर्ट के बाहर मीडिया का जमावड़ा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच सुनाएगी फैसला
जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर जो बेंच फैसला सुनाएगी, उसकी अगुवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे हैं। इस बेंच में दूसरे न्यायाधीश जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ शामिल हैं।
इस मामले में बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन, महाराष्ट्र के पत्रकार बंधुराद संभाजी लोने, सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन यानी सीपीआईएल नाम के एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला और अन्य ने याचिका दायर की हैं।
वह 10 सवाल जो उठे थे जज लोया की रहस्यमय मौत पर
कारावान पत्रिका की ताजा पड़ताल में सामने आया था कि नागपुर के वीआईपी गेस्ट से जज लोया को अस्पताल ले जाने के पूरे घटनाक्रम की गेस्ट हाऊस के कर्मचारियों को कोई जानकारी ही नहीं थी। इस पड़ताल से 10 नए सवाल खड़े हुए थे।
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