जब केजरीवाल का ‘विश्वास’ उन पर डगमगाया तो कविराज के मुख से निकली कड़वाहट
राज्यसभा की तीनों सीटों के लिए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने के बाद अपनी दावेदारी पेश कर रहे कुमार विश्वास ने इस मसले को लेकर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है।
आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही इस मसले को लेकर पार्टी का विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। पार्टी की ओर से खुद को राज्य सभा नहीं भेजे जाने के फैसले से आहत कुमार विश्वास ने पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल दिया है। पार्टी के फैसले के बाद विश्वास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष से पार्टी के विषयों, कार्यकर्ताओं के विषयों और देश के मुद्दों पर जो भी उन्होंने सच बोला था, उसकी उन्हें सजा मिली है। विश्वास ने पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिए तय किए गए सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता के नामों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “40 वर्ष मनीष के साथ, 12 वर्ष अरविंद के साथ, 7 वर्ष से कार्यकर्ताओं के लिए और 5 वर्ष से आम आदमी पार्टी के हर विधायक-हर नेता के लिए रैलियां कर, ट्वीट कर और मीडिया में बहस कर जिन्होंने आज पार्टी को खड़ा किया है, ऐसे महान क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों की आवाज सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता जी को राज्यसभा भेजने के लिए मैं अरविंद जी को बधाई देता हूं।“
पार्टी के फैसले से बेहद आहत नजर आ रहे कुमार विश्वास ने एक कविता की दो पंक्ति पढ़ी, “सबको लड़ने ही पड़े अपने अपने युद्ध, चाहे राजा राम हों, चाहे गौतम बुद्ध।” विश्वास ने आगे कहा, “देश भर के उन लाखों-करोड़ लोग जो मुझसे स्नेह करते हैं मैं उनका आभार प्रकट करता हूं। हम सबको अपने-अपने संघर्ष लड़ने हैं।”
कुमार ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ महीने पहले पीएसी की बैठक में अरविंद ने मुझसे कहा था, सर जी आपको मारेंगे पर शहीद नहीं होने देंगे। मैं उनको बधाई देता हूं और अपनी शहादत स्वीकार करता हूं। हम जानते हैं कि अरविंद की इच्छा के बिना पार्टी में सांस लेना भी मुश्किल है। बस मेरा एक निवेदन है कि मेरे शव के साथ छेड़छाड़ न करें और आगे से पार्टी, ट्वीटर और सोशल मीडिया पर सक्रिय पार्टी के लोग दुर्गंध न फैलाएं। क्योंकि युद्ध का भी एक छोटा सा नियम होता है, जिसका पालन किया जाना चाहिए।”
आम आदमी पार्टी में लंबे समय से राज्यसभा की सीटों के लिए विवाद चल रहा था। इस तरह के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि कुमार विश्वास को पार्टी राज्यसभा नहीं भेजना चाहती है। पार्टी के फैसले के साथ ही सारा सच सामने आ गया और कुमार विश्वास की नाराजगी भी।
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