EXCLUSIVE: जानें मुजफ्फरनगर के क्वारंटाइन सेंटर का हाल, वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन को आया लोगों का ख्याल
मजदूरों का आरोप है क्वारंटाइन के नाम उन्हें यहां एक प्रकार से कैद कर दिया गया है। कोई उन्हें बाहर नही निकलने दे रहा है। सोमवार को यहां पहुंचे मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वकुमारी और एसएसपी अभिषेक यादव ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि “ये लोग मरीज नहीं है, इन्हें एहतियातन रखा गया है।”
लॉकडाऊन की घोषणा के बाद देशभर से लाखों की संख्या में पलायन हुआ है। इसके बाद से अफरा-तफरी का माहौल है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए जो जहां है उसी वहीं रोकने का आदेश जारी किए हैं। कई शहरों में आपातकालीन क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए हैं। मुजफ्फरनगर जनपद के मीरापुर थाना के इलाके में नेशनल हाइवे पर बिजनोर जनपद से ठीक पहले बीआईटी मेडिकल कॉलेज में इन मजदूरों को रखा गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक यह लोग यहां 14 दिन तक रहेगें। तब तक इन्हें तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। यह बीआईटी मेडिकल कॉलेज मीरापुर से 6 किमी की दूरी पर कासमपुर गांव में स्थित है। जानकारी के मुताबिक यहां पहले दिन 167 लोगों को लाया गया था।मगर दूसरे दिन ही यह संख्या 800 से ज्यादा हो चुकी है। यहां मेडिकल कॉलेज की क्षमता 150 मरीजों की क्वारंटाइन की है। हालांकि मेडिकल स्टाफ का कहना है कि यह जांच के बाद ही बताया जाएगा। अभी इन्हें मरीज नहीं कहा जा सकता। प्रशासन कॉलेज के हॉस्टल और क्लास रूम का भी अब इस्तेमाल कर रहा है। सड़क पर पैदल चल रहे लोगों को पकड़ कर बस में भर कर पुलिस यहां ला रही है।
मजदूरों का आरोप है क्वारंटाइन के नाम उन्हें यहां एक प्रकार से कैद कर दिया गया है। कोई उन्हें बाहर नही निकलने दे रहा है। सोमवार को यहां पहुंचे मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वकुमारी और एसएसपी अभिषेक यादव ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि "ये लोग मरीज नहीं है, इन्हें एहतियातन 14 दिनों के लिए हिफाजत में रखा जा रहा है।" इनको चाय नाश्ता और खाना देने की व्यवस्था प्रशासन के जिम्मे है। एसएसपी ने मीरापुर थाने में पत्रकारों से यह भी कहा कि वो इन्हें समझाकर आएं है।अगर कोई व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे उसी की भाषा मे समझाया जाएगा।मुजफ्फरनगर जनपद में यह एकमात्र क्वारंटाइन सेंटर है। जानकारी के अनुसार यह सभी लोग मुजफ्फरनगर औक बिजनौर मार्ग से यहां लाए गए हैं जो विभिन्न जगहों से पैदल ही अपने घर जा रहे थे।
क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए शाहिद नाम के एक शख्स ने बताया कि वो छत्तीसगढ़ से आया है और वो बागतप जा रहा था। लेकिन उसे यहां रोक कर क्वारंटीन सेंटर में डाल दिया गया। शाहिद की शिकायत है कि यहां रह रहे लोगों को भरपेट खाना नहीं मिल पा रहा। उसका कहना है कि सुबह चाय और एक छोटा बिस्कुट दिया गया था। सोमवार को दोपहर बाद जब डीएम और एसएसपी निरीक्षण के लिए आएं तो उसके बाद जितने लोग हैं उसके हिसाब से खाना नहीं आया। शाहिद का आरोप है कि यहां खाना खत्म हो जा रहा है और लोग दाल पीकर दिन काट रहे हैं।
यहां की व्यवस्था को लेकर लोगों की शिकायत वाली एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें लोग क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन की आंख खुली और आननफानन में एसडीएम जानसठ कुलदीप मीणा को यहां भेजा गया। कुलदीप मीणा के यहां आने के बाद से स्थिति में सुधार हुआ है और लोगों की नाराजगी भी दूर हुई है।
कुलदीप मीणा ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में एहतियात के तौर पर लोगों को रखा गया है। उनकी जांच कराई जा रही है। स्वस्थ पाए जाने पर सभी को घर भेज दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के अधिकारी राघव मेहरा ने भी कहा कि इन लोगों को सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां रखा गया है।इनमें से कोई भी कोरोना से पीड़ित नहीं है। उनका कहना है कि लोगों के हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जिन लोगो ने समस्या बताई है उनकी जांच की जा रही है।
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