केरल के मंत्री ने की संविधान की आलोचना, रिटायर्ड जज ने मांगा इस्तीफा, सतीसन बोले- चेरियन ने जो कहा वह स्वीकार्य नहीं

केरल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी कमाल पाशा ने कहा कि, केरल के मत्स्य पालन और संस्कृति मंत्री और सीपीआई-एम नेता साजी चेरियन भारत के संविधान पर अपने जबरदस्त हमले के लिए मुश्किल में पड़ गए हैं। उनका इस्तीफा मांगना चाहिए।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

केरल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी कमाल पाशा ने कहा कि, केरल के मत्स्य पालन और संस्कृति मंत्री और सीपीआई-एम नेता साजी चेरियन भारत के संविधान पर अपने जबरदस्त हमले के लिए मुश्किल में पड़ गए हैं। उनका इस्तीफा मांगना चाहिए।

अलाप्पुझा जिले के चेंगन्नूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक चेरियन ने पथानामथिट्टा में माकपा पार्टी की बैठक में हिस्सा लेते हुए कहा था, "भारतीय संविधान श्रमिक वर्ग के लिए उचित नहीं है क्योंकि उनके लिए कोई सुरक्षा नहीं है।"

चेरियन ने कहा, "संविधान वह है जो अंग्रेजों ने कहा था और एक भारतीय द्वारा लिखा गया है। यह कुछ ऐसा है जो लूट की अनुमति देता है और श्रम के लिए कुछ भी नहीं।"


उन्होंने न्यायपालिका को फटकार लगाते हुए कहा, "श्रम के मामलों में अदालतें व्यापारियों के अनुकूल होती हैं और यही अदानी और अंबानी की मदद करता है।"

मंत्री की आलोचना करते हुए, पाशा ने कहा, "उन्होंने जो कहा वह उस शपथ का उल्लंघन है जो उन्होंने ली है और विजयन को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए।"

विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा, "चेरियन ने जो कहा वह स्वीकार्य नहीं है और विजयन को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए।" सतीसन ने कहा, "अगर विजयन कार्रवाई नहीं करतें है, तो हम कानूनी सहारा लेंगे।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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