देश के पहले लोकपाल बने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष, राष्ट्रपति ने लगाई नियुक्ति पर मुहर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है। घोष के अलावा लोकपाल समिति के 4 न्यायिक सदस्यों और 4 गैर न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति पर भी मुहर लग गई है। जस्टिस घोष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष के रूप में देश को पहला लोकपाल मिल गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार शाम को देश के पहले लोकपाल के साथ ही लोकपाल समिति के सभी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ने लोकपाल के साथ ही लोकपाल समिति के न्यायिक और गैर न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति पर भी मुहर लगा दी है।

राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक जस्टिस दिलीप भोसले, जस्टिस प्रदीप मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी, जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी को लोकपाल समिति में न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है। जबकि गैर न्यायिक सदस्यों के तौर पर दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह, इंद्रजीत प्रसाद गौतम की नियुक्ति की गई है। प्रभार लेने के साथ ही इन सदस्यों की नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले 17 मार्च को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई लोकपाल चयन समिति की बैठक में उनका नाम तय किया गया था। चयन समिति में पीएम मोदी और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कानूनविद मुकुल रोहतगी सदस्य हैं। हालांकि नेता विपक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने इस बैठक का बहिष्कार किया था।

पिनाकी चंद्र घोष का जन्म 28 मई 1952 को कोलकाता में हुआ। वह कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिवंगत न्यायामूर्ति शंभू चंद्र घोष के बेटे हैं। उन्होंने कलकत्ता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक के बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक (एलएलबी) किया और कलकत्ता उच्च न्यायालय से अटॉर्नी-एट-लॉ की डिग्री हासिल की। उन्होंने 30 नवंबर 1976 को बार काउंसिल ऑफ पश्चिम बंगाल में वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराया।

इसके बाद घोष साल 1997 में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज बने और उसके बाद दिसंबर 2012 में वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। उन्होंने 8 मार्च, 2013 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण किया और 27 मई 2017 में रिटायर हुए। वर्तमान में 67 वर्षीय जस्टिस घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं। लोकपाल सर्च कमेटी द्वारा सूचीबद्ध किए गए शीर्ष 10 नामों में वह शामिल थे।

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