जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई उम्मीदवार का नामांकन रद्द, एबीवीपी-बीजेपी पर साजिश का आरोप
जेएनयू छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है। अंतिम समय में नामांकन रद्द किये जाने को एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फेरोज खान ने एबीवीपी और बीजेपी की साजिश बताया है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार जेएनयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय की चुनाव समिति को एक मेल भेजकर एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास यादव पर प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम करने के मामले में जुर्माने के बारे में जानकारी दी। कहा जा रहा है कि इस मामले में लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर चुनाव समिति ने विकास यादव का नामांकन रद्द किया है। हालांकि, जेएनयू की चुनाव समिति की तरफ से अभी तक इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है।
अंतिम समय में नामांकन रद्द किये जाने को एबीवीपी और बीजेपी की साजिश करार देते हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फेरोज खान ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने भी वही किया है, जो पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में रॉकी तुषिद के मामले में किया गया था। फेरोज खान ने कहा, “हमने पिछले साल डूसू चुनाव में भी इनकी साजिश की पोल खोली थी और इस बार भी हम सड़क से लेकर अदालत तक इनके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। जेएनयू में एनएसयूआई की लोप्रियता बढ़ने से एबीवीपी और बीजेपी घबरा गई हैं, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही हैं और उन्हीं के दबाव में जेएनयू प्रशासन ने जानबूझकर शुक्रवार को बिना कोई नोटिस दिये नामांकन रद्द कर दिया गया।”
एनएसयूआई का कहना है कि इस तरह से बिना कारण बताए नामांकन रद्द करना जेएनयू प्रशासन की संघी मानसिकता को दर्शाता है। एनएसयूआई ने इसके लिए एबीवीपी और बीजेपी पर निशाना साधा है। एनएसयूआई ने ट्वीट कर कहा है, “यह एक बार फिर हमें दिखाता है कि जेएनयू का प्रशासन छात्र विरोधी और लोकतंत्र विरोधी है। या क्या हम कह सकते हैं कि एनएसयूआई की उभरती ताकत से एबीवीपी डरी हुई है? हमारा सवाल वामपंथी छात्र संगठनों के संयुक्त मोर्चे से भी है कि क्या वे भी संघी प्रशासन के इस अलोकतांत्रिक कदम पर अपनी आंखें बंद किये रहेंगे ?”
जेएनयू में एनएसयूआई से जुड़े छात्रों का भी कहना है कि यह जानबूझ कर बीजेपी की छात्र ईकाई एबीवीपी के दबाव में उठाया गया कदम है। एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर कुलपति का घेराव करने का फैसला किया है। बता दें कि जेएनयू छात्र संघ का चुनाव 14 को होना है। चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है और सभी छात्र संगठन अपने प्रचार में जोरशोर से लगे हैं। लेकिन आखिरी समय में एनएसयूआई उम्मीदवार का नामांकन रद्द करना कहीं ना कहीं प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
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