जेएनयू हिंसा: शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तलब की रिपोर्ट, छात्र संगठनों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
रामनवमी के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुए उपद्रव और हिंसा की घटना पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू से कहा है कि वह मामले की पूरी रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को सौंपे।
रामनवमी के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुए उपद्रव और हिंसा की घटना पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू से कहा है कि वह मामले की पूरी रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को सौंपे। रविवार को जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में छात्रों के दो समूहों के बीच कहासुनी के बाद तीखी नोकझोंक और फिर मारपीट हुई थी। हिंसा की इस वारदात में जेएनयू के 15 छात्र जख्मी हुए हैं।
दरअसल यह घटना रामनवमी के दिन शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन के विवाद से शुरू हुई। छात्रों का एक समूह हॉस्टल के मैन्यू में मांसाहारी भोजन परोसे जाने के पक्ष में था। वहीं दूसरा समूह चाहता था कि हॉस्टल में सभी छात्रों को केवल शाकाहारी भोजन ही परोसा जाए।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस हिंसा के बाद छात्रों को चेतावनी दी है कि वे परिसर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी घटना में शामिल हो। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यदि छात्र इस तरह के कृत्यों में लिप्त पाया जाता है, तो वे विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।
जेएनयू के कुलपति ने कहा है कि किसी भी टकराव से बचने के लिए वार्डन तत्काल कदम उठाएं। सुरक्षाकर्मियों को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहने और जेएनयू प्रशासन को तुरंत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
घटना को गंभीरता से लेते हुए कुलपति ने बताया कि परिसर में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और छात्रों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की सचिव प्रोफेसर आभा देव ने जेएनयू की इस घटना पर कहा कि, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्वविद्यालयों के वातावरण को दूषित किया जा रहा है। इससे शिक्षण और सीखने और छात्रों के एक साथ काम करने की क्षमता में बाधा आती है। एक वर्ग की भावनाओं को दूसरों के ऊपर नहीं माना जा सकता है। विविधता का जश्न मनाने के लिए प्रत्येक का सम्मान करना पड़ता है।
वहीं छात्र संगठन एबीवीपी ने कहा, रामनवमी के अवसर पर कावेरी छात्रावास में जेएनयू के छात्रों ने एक पूजा का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में जेएनयू के आम छात्रों को बड़ी संख्या में शामिल होना था। यह भी उल्लेखनीय है कि साथ-साथ रमजान भी छात्रावास में बहुत ही शांतिपूर्ण मनाया जा रहा था। यह पूजा 3.30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन वामपंथियों द्वारा किए गए हंगामे के कारण यह शाम 5.00 बजे शुरू हो सकी। विश्वविद्यालय में इफ्तार और रामनवमी का शांतिपूर्ण उत्सव एक साथ हो रहा था। हालांकि वामपंथी इस तथ्य को पचा नहीं पाते हैं। उन्होंने 'मांसाहारी भोजन' का मुद्दा उछालकर छात्रों के बीच हंगामा करने की योजना बनाई।
वाम समर्थित छात्र संघ एसएफआई ने कहा, हम एबीवीपी द्वारा जानबूझकर परिसर के माहौल को बाधित करने के प्रयास की निंदा करते हैं। असामाजिक तत्व कावेरी हॉस्टल में और उसके आसपास दंगा करते रहे, बाइक तोड़ते रहे, हॉस्टलर्स और छात्रों को पीटते रहे। पुलिस मौके पर पहुंच गई है लेकिन छात्रों के अनुरोध के बावजूद कुछ भी करने से इनकार कर दिया । हम जेएनयू के छात्रों से नैतिक पुलिसिंग, सांप्रदायिकता को हराने के लिए एकजुट होने की अपील करते हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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