BJP सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर JMM का विरोध, कहा- झारखंड का विभाजन नहीं होने देंगे

पार्टी ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के लिए केंद्र के गृह मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराते हुए आगे लिखा, ''बांग्लादेश की सरहद झारखंड से नहीं लगती। वहां से सबसे ज्यादा घुसपैठ असम के रास्ते होती है।"

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

झारखंड के संथाल परगना और बिहार एवं बंगाल के कुछ जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की मांग पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने कहा है कि दुबे की ओर से संसद में दिए गए वक्तव्य से साफ है कि बीजेपी झारखंड का विभाजन करना चाहती है, लेकिन हम उनके इरादों को किसी हाल में सफल नहीं होने देंगे। झारखंड एक था और एक ही रहेगा। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने ऑफिशियल हैंडल से निशिकांत दुबे के बयान पर विरोध जताते हुए शुक्रवार को कई पोस्ट किए। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी पार्टी के वक्तव्य को अपने हैंडल पर रिपोस्ट किया।

जेएमएम ने एक पोस्ट में लिखा, ''मनुवादी बीजेपी की झारखंड और आदिवासियों के विभाजन की असलियत अब सभी जान चुके हैं। हम झारखंड का विभाजन कभी नहीं होने देंगे।'' एक अन्य पोस्ट में पार्टी ने लिखा, ''सदियों से आदिवासियों-झारखंडियों का शोषण किया गया और अब अपनी गलतियों-नाकामियों पर पर्दा डालने की मंशा से झारखंड को बांटने की तैयारी कर रही है बीजेपी।''


पार्टी ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के लिए केंद्र के गृह मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराते हुए आगे लिखा, ''बांग्लादेश की सरहद झारखंड से नहीं लगती। वहां से सबसे ज्यादा घुसपैठ असम के रास्ते होती है। सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है पर बीजेपी इसके लिए भी झारखंड सरकार को दोषी ठहरा रही है। मंशा साफ है झारखंड का विभाजन।''

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड में घट रही हिंदू आबादी, बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और एनआरसी का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठाया था। उन्होंने एनआरसी लागू करने की मांग की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि घुसपैठ की समस्या को देखते हुए झारखंड के संथाल परगना, बिहार के अररिया, किशनगंज एवं कटिहार और पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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