जम्मू कश्मीर चुनाव: ‘दिल्ली से भेजे गए छिपे हुए शैतान से रहें सावधान', करें खारिज: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘सावधानीपूर्वक सोचिए।’’ उन्होंने मतदाताओं से ‘दिल्ली से भेजे गये’ उन लोगों से सावधान रहने का आह्वान किया जिनके दिल में शायद उनका हित न हो।

फोटोः सोशल मीडिया
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पीटीआई (भाषा)

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मतदाताओं से अपने सम्मान और गरिमा को प्राथमिकता देने एवं उन उम्मीदवारों को खारिज करने की अपील की, जिन्हें उन्होंने ‘दिल्ली द्वारा भेजा गया’ ‘छिपा हुआ शैतान’ बताया।

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का तीसरा और आखिरी चरण एक अक्टूबर को है। इस चरण में जम्मू क्षेत्र की 24 और कश्मीर घाटी की 16 सीटों के लिए मतदान होगा।

इस चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस- कांग्रेस गठबंधन की संभावनाओं की चर्चा करते हुए अब्दुल्ला ने विश्वास व्यक्त किया कि यह 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करेगा । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी इस केंद्रशासित प्रदेश में सत्ता नहीं हासिल करेगी।

अंतिम चरण के चुनाव के वास्ते जोर-शोर से चल रहे चुनाव प्रचार अभियान के रविवार को समाप्त होने से पहले एनसी अध्यक्ष ने लोगों से वोट डालने के वक्त सोच समझकर निर्णय लेने की भावुक अपील की।

उन्होंने बेहतर भविष्य के लिए मतदान के महत्व पर बल दिया तथा बेहतर रोजगार अवसरों, प्रगति, सम्मान और उन्नत जीवन स्तर की आवश्यकता पर जोर डाला।


जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘सावधानीपूर्वक सोचिए।’’ उन्होंने मतदाताओं से ‘दिल्ली से भेजे गये’ उन लोगों से सावधान रहने का आह्वान किया जिनके दिल में शायद उनका हित न हो।

उन्होंने चुनाव के दौरान सतर्क रहने के महत्व पर बल देते हुए कहा, ‘‘ वे छिपे हुए शैतान की तरह हैं।’’

नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जहां आपको हाथ (कांग्रेस का चुनाव निशान) नजर आएं, वहां हाथ के लिए वोट दें। जहां आपको हल नजर आए, वहां हल के लिए वोट दें।’’

एनसी प्रमुख ने बारामूला के सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर रशीद की चर्चा करते हुए कहा कि बीजेपी मतदाताओं के समीकरण को ‘प्रभावित’ करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वक्त बताएगा। लोग अब जानते हैं कि अब वैसा नहीं है, जैसा पहले था.... वह दिल्ली से हैं, वह बीजेपी से हैं, वह मतों को बांटने की भूमिका निभा रहे हैं।’’

अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि रशीद ‘‘वास्तव में अपने मालिक की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं... वह बीजेपी का हिस्सा हैं... मुझे उन पर दया आती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह देख रहे हैं कि देश के बाकी हिस्सों में मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है और उन्हें यह एहसास नहीं है कि यहां भी ऐसा हो सकता है। आज उन्हें आगे बढ़ाने वाली शक्तियां उन्हें पूरी तरह से खत्म कर सकती हैं। मुझे उनके लिए दुख है। मुझे उम्मीद है कि एक दिन लोग समझ जाएंगे कि वह कहां खड़े हैं।’’


राशिद ने इस साल लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया था। रशीद आतंकवाद वित्तपोषण के आरोपों का सामना कर रहे हैं और नौ अगस्त, 2019 को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के बीजेपी के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने संदेह प्रकट करते हुए कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है कि मैं उनपर विश्वास करूं।’’

उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ बातचीत की वकालत करने के अपने दीर्घकालिक रुख को दोहराया तथा इस बात पर बल दिया कि ‘‘पड़ोसियों को बदला नहीं जा सकता’’ तथा शांतिपूर्ण संबंधों से ही प्रगति हो सकती है।

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