विनाशकारी ताकतों से लड़ने का यह सही वक्त: अमजद अली खान
अमजद अली खान का मानना है कि रचनात्मक स्वंतत्रता को कुछ फैलाव की जरूरत होती है। यह समय आतंकवाद और विनाशकारी तत्वों के खिलाफ खड़े होने का है जो हमारे विकास को रोक रहे हैं और हमें पीछे धकेल रहे हैं।
दिग्गज सरोद वादक अमजद अली खान का मानना है कि 'दुनिया में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे अशांत तत्वों' से लड़ने का यह उचित समय है और कलाकारों को इसकी राह दिखानी चाहिए।
समाज के एक वर्ग द्वारा कुछ कलाकारों को निशाना बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अमजद अली खान ने बताया, "रचनात्मक स्वंतत्रता को कुछ फैलाव की जरूरत होती है। अगर आप दिल और आत्मा से साथ नहीं हैं तो कोई भी दुनिया एकजुट नहीं रह सकती है। यह समय आतंकवाद और विनाशकारी तत्वों के खिलाफ मिलकर खड़े होने का है जो हमारे विकास को रोक रहे हैं और हमें पीछे धकेल रहे हैं।"
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कोई कैसे शांति भंग कर सकता है और कोई इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है? शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन करुणा भाव लाने का यह एकमात्र जरिया नहीं है। प्रख्यात सरोद वादक ने कहा कि हम जानते हैं कि यह दुनिया के सिर्फ एक वर्ग द्वारा किया जा रहा है जो विनाश लाने को प्रतिबद्ध है और यह समय विनाशकारी तत्वों से लड़ने का है।
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' इसका एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे कला के माध्यम और फिल्म मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। देश में हास्य कलाकारों और संगीत कलाकारों को भी निशाना बनाया गया है।
हालांकि, अमजद अली खान ने कहा कि यह खुशी की बात है कि दुनिया में तबाही फैलाने का इरादा रखने वालों से ज्यादा शांति पसंद करने वाले लोग हैं।
अमजद अली खान ने कहा कि वह उम्मीद और दुआ करते हैं कि युवा पीढ़ी को दुनिया में शांति और सौहार्द का अनुभव हो।
भारतीय शास्त्रीय संगीत में योगदान देने के लिए दयावती मोदी अवार्ड फॉर आर्ट, कल्चर एंड एजुकेशन - 2017 ग्रहण करने राष्ट्रीय राजधानी आए अमजद अली खान ने कहा कि उनकी इच्छा है कि संगीत मानव चेतना में इस तरह के भाव जगाए, जिससे बच्चों में एकता की भावना पैदा हो।
संगीत की दुनिया के निर्विवाद रूप से बादशाह अमजद ने अपने 6 दशक से ज्यादा लंबे करियर में खूब सराहना पाई है, पुरस्कार जीते हैं और ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित भी हुए हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से उन्हें क्रिस्टल अवार्ड मिला है।
वह नॉर्वे के ओस्लो में 2014 के नोबेल पीस प्राइज कंसर्ट में भी प्रस्तुति दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस साल वह नॉर्वेजियन रेडियो ऑर्केस्ट्रा और मॉस्को स्टेट फिलहार्मनिक ऑर्केस्ट्रा के साथ काम करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं।
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Published: 20 Nov 2017, 12:40 PM