एक बार फिर चीनी सेना के घुसपैठ की खबर, भारतीय सेना ने किया खंडन
जम्मू कश्मीर के लद्दाख में चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ की खबर आने के बाद भारतीय सेना ने इसका खंडन किया है। सेना ने कहा कि लद्दाख के दामचोक इलाके में 6 जुलाई को चीन के लोगों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार नहीं किया था, वे अपनी सीमा में ही थे।
भारत औऱ चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम में लंबे समय तक चले गतिरोध के खत्म होने के 2 साल बाद एक बार फिर से चीन द्वारा भारत की सीमा में घुसपैठ की खबरें आई हैं। हालांकि, भारतीय सेना ने किसी भी तरह के घुसपैठ से इनाकर करते हुए ऐसी खबरों का खंडन किया है। इससे पहले आई खबरों में कहा गया था कि चीनी सेना ने 6 जुलाई को लद्दाख में भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर तक प्रवेश किया और अपने देश का झंडा लहराया। सेना ने साफ किया है कि लद्दाख के दामचोक इलाके में 6 जुलाई को चीन के लोगों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार नहीं किया था।
दरअसल, इससे पहले खबर आई थीं कि चीन की सेना ने एक बार फिर भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का दुस्साहस किया है। खबर के अनुसार दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर जब लद्दाख के पूर्वी डेमचोक में स्थानीय लोग एक समारोह मना रहे थे, तो उसी समय चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कुछ लोगों ने भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ किया और अपना झंडा लहराया।
खबरों के मुताबिक लद्दाख के पूर्वी डेमचोक की सरपंच उरगेन चोदोन ने चीनी सेना के घुसपैठ की बात कही थी। सरपंच के हवाले से खबरों में कहा गया था कि चीनी सैनिक सैन्य वाहनों से भारतीय सीमा में आए और वहां चीनी झंडा लहराया।
इस खबर को सिरे से खारिज करते हुए चीनी सैनिकों की घुसपैठ का भारतीय सेना ने इसका खंडन किया है। सूत्रों के अनुसार उस वक्त स्थानीय लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे। उसी दौरान सीमा के दूसरी ओर 2-3 गाडि़यों से कुछ चीनी लोग उतरे और उन्होंने एक लाल रंग का बड़ा सा लाल बैनर लहराया, जिसपर चीनी भाषा में कुछ लिखा था। वे लगभग 11 लोग थे और वे वहां करीब 40 मिनट तक रुके और फिर चले गए। हालांकि सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
गौरतलब है कि चीन इस तरह के हतकंडे अपनाकर भारत पर दबाव बढ़ाने की अकसर कोशिश करता है। बताया जाता है कि इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित एक नाले के पास अभी भी चीन के दो टेंट लगे हुए हैं। ये टेंट उस समय लगे थे जब अगस्त 2018 में चीन ने इलाके में घुसपैठ की थी और कई टेंट लगाए थे। भारत के कड़े विरोध के बाद चीनी सेना ने कई टेंट हटा लिए थे, लेकिन अभी भी दो टेंट वहां मौजूद हैं। खबरों के मुताबिक चीन ने सीमा के उस पार नियंत्रण रेखा के करीब बड़े स्तर पर सड़कें बना कर आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है।
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