चीन की बड़ी चाल! एलएसी पर तैनात किए सैनिकों की 2 और डिविजन, जानें क्या है भारत की तैयारी

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा तनाव को खत्म करने के लिए बातचीत का दौर जारी है। इस बीच भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवादित क्षेत्रों में सेना की दो और डिविजन तैनात कर दी हैं।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा तनाव को खत्म करने के लिए बातचीत का दौर जारी है। इस बीच भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवादित क्षेत्रों में सेना की दो और डिविजन तैनात कर दी हैं।

चीन अपनी विस्तारवादी नीति से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा है। यह स्थिति तब है जब दक्षिण शिनजियांग के सैन्य प्रमुख मेजर-जनरल लियु लिन ने लेह-स्थित 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के साथ हुई बातचीत में गलवान घाटी से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमति व्यक्त की थी।

सूत्रों ने कहा, कुल मिलाकर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन ने लगभग 24,000 सैनिकों को तैनात कर रखा है। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने सीमा पर टकराव की स्थिति को बढ़ाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारी तोप, टैंक और लड़ाकू विमान भी तैनात कर रखे हैं।

चीन की बड़ी चाल! एलएसी पर तैनात किए सैनिकों की 2 और डिविजन, जानें क्या है भारत की तैयारी

तिब्बत क्षेत्र में चीन आमतौर पर सेना की डिविजन को तैनात करता है। लेकिन अब उसने दो और डिविजन तैनात किए हैं। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि वे टकराव रोकने के लिए किसी सर्वसम्मति के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं।

भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीनी मंसूबों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। इस बीच मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों के बीच करीब 12 घंटे तक बातचीत चली थी। सूत्रों ने कहा कि सुबह 10.30 बजे शुरू हुई बैठक रात 11 बजे समाप्त हुई।

यह बैठक चुशुल में हुई, जहां भारत ने एक कड़ा संदेश दिया कि वह अपनी संप्रुभता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। दोनों पक्षों के बीच यह तीसरी बैठक थी। कॉर्प्स कमांडर स्तर पर पिछली दो बैठकें छह जून और 22 जून को हुई थीं। मंगलवार की बैठक भारतीय की ओर चुशुल में हुई थी, जबकि पिछली दोनों बैठकें चीन की ओर मोल्दो में आयोजित की गई थी।

सूत्रों ने कहा, मौजूदा गतिरोध के दौरान सभी विवादास्पद क्षेत्रों में स्थिति को स्थिर करने के लिए चर्चा की गई।

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Published: 01 Jul 2020, 6:00 PM