पूजा खेडकर के पारिवारिक घर के पास अवैध निर्माण को हटाया गया, नोटिस के बाद कार्रवाई
पीएमसी अधिकारियों ने 13 जुलाई को शहर के बानेर रोड इलाके में स्थित बंगले के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें आईएएस अधिकारी के परिवार से संपत्ति से लगे फुटपाथ पर 60 फुट लंबाई, तीन फुट चौड़ाई और दो फुट ऊंचाई वाले “अनधिकृत” ढांचे को हटाने के लिए कहा गया था।
पुणे में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पारिवारिक बंगले के पास एक “अवैध” संरचना को हटा दिया गया है, नगर निकाय ने उन्हें इसे हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि खेडकर के परिवार ने कथित अतिक्रमण हटा लिया हो, क्योंकि पुणे नगर निगम (पीएमसी) द्वारा निर्धारित समय सीमा अभी समाप्त नहीं हुई है।
पीएमसी अधिकारियों ने 13 जुलाई को शहर के बानेर रोड इलाके में स्थित बंगले के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें आईएएस अधिकारी के परिवार से संपत्ति से लगे फुटपाथ पर 60 फुट लंबाई, तीन फुट चौड़ाई और दो फुट ऊंचाई वाले “अनधिकृत” ढांचे को हटाने के लिए कहा गया था।
नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने बंगले पर नोटिस चिपकाकर उनसे (खेडकर के परिवार से) सात दिनों के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा था। नोटिस में कहा गया है कि अगर परिवार सात दिनों के भीतर संरचना को हटाने में विफल रहा, तो पीएमसी इसे हटा देगा और उनसे खर्च वसूल करेगा।”
अधिकारी ने बताया कि पुणे नगर निगम ने अभी तक इस ढांचे को नहीं हटाया है, क्योंकि समयसीमा अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “परिवार ने संभवतः निजी कर्मचारियों को काम पर रखकर इसे हटवाया होगा।”
खेडकर पर आईएएस में पद हासिल करने के लिए कथित रूप से दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके अलावा उन पर पुणे कलेक्टर कार्यालय में अपनी तैनाती के दौरान अनुचित आचरण के भी आरोप हैं।
इस बीच, उसके माता-पिता मनोरमा और दिलीप खेडकर का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने कुछ दिनों पहले एक वीडियो के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मनोरमा कथित तौर पर पुणे जिले के मुलशी तहसील में एक भूमि विवाद के बाद कुछ लोगों को पिस्तौल दिखा धमकाती नजर आ रही थीं।
अधिकारी के अनुसार, यह घटना महाराष्ट्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी दिलीप खेडकर द्वारा खरीदी गई जमीन से संबंधित थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि खेडकर ने पड़ोसी किसानों की जमीन पर अतिक्रमण किया था।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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