उत्तर प्रदेशः हिफाजत के लिए लोहे के पिंजरे में कैद की गई अंबेडकर की मूर्ति, विवाद होने पर हटाया गया पिंजरा

यूपी के बदायूं जिले में डॉ अंबेडकर की एक मूर्ति को लोहे के पिंजरे में बंद कर ताला लगा दिया गया था। साथ ही मूर्ति की हिफाजत के लिए 24 घंटे पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तियों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए अनोखा रास्ता अपनाया। अंबेडकर की मूर्ति को किसी भी हमले से बचाने के लिए मूर्ति को ही पिंजरे में कैद कर दिया। हालांकि, बताया जा रहा है मामला मीडिया में सामने आने के बाद प्रशासन ने जाली को हटाकर मूर्ति को पिंजरे से आजाद कर दिया गया है।

बता दें कि गुरुवार को आंबेडकर की मूर्ति के बाहर जाली लगा दी गई थी। वहीं, फिर कोई घटना न हो इसके लिए गार्ड भी लगा दिया गया है। मामला बदायूं शहर का है, जहां शहर के बीचों-बीच स्थित गद्दी चौक के पास एक पार्क में लगी डॉ भीमराव अंबेडकर की एक प्रतिमा को लोहे के पिंजरे में बंद कर ताला लगा दिया गया था। इसके अलावा मूर्ति की हिफाजत के लिए 24 घंटे पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। इसके लिए तीन होमगार्ड नियुक्त किए गए हैं जो पालियों में मूर्ति की सुरक्षा करेंगे। खबरों के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने दुकानदारों से चंदा लेकर मूर्ति पर जाली लगवाई थी। लोगों का कहना है कि पार्क के आसपास लंबे समय से पशु बांधे जाते हैं। जिससे आसपास गोबर और गंदगी जमा रहती है। खुली जगह होने की वजह से प्रतिमा को हमेशा खतरा बना रहता है।

इस संबंध में बदायूं के एसडीएम पारसनाथ मौर्य ने बताया कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती तक मूर्तियों की विशेष सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व मूर्तियों को नुकसान पहुंचा कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं। हालांकि मूर्ति को लोहे की सलाखों में किसने बंद किया, इस बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जताई।

बता दें कि 7 अप्रैल को बदायूं के दुगरैया गांव में डॉ अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने नई मूर्ति लगाई, लेकिन प्रतिमा के कोट के भगवा रंग से रंगवा दिया गया था। जिस पर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जताई थी। इस खबर के तूल पकड़ने पर बसपा नेता हिमेंद्र गौतम ने मूर्ति को नीले रंग में रंगवा दिया।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपी के कई जिलों में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने की घटनाए सामने आई हैं। 10 मार्च को आजमगढ़ जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के राजापट्टी गांव के पास आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई थी। उसके बाद इलाबाहद के झूंसी में त्रिवेणीपुरम के पास 30 मार्च की देर रात डॉ अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ा गया था। उसके बाद 31 मार्च को सिद्धार्थनगर जिले में भी अंबेडकर की मूर्ति का हाथ तोड़ने की घटना सामने आई थी। उसके बाद 5 अप्रैल को फिरोजाबाद जिले में भी कुछ असामाजिक तत्वों ने आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इससे पहली भी कई जिलों में अंबेडक की प्रतीमा के साथ तोड़फोड़ करने का मामला सामने आ चुका है।

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