महाराष्ट्र चुनाव से पहले मुझे बलि का बकरा बनाया गया: मानहानि मामले पर संजय राउत

संजय राउत ने कहा, "अगर मैंने यह कहा तो मैंने किस प्रकार किसी को बदनाम किया? सब कुछ रिकॉर्ड में है। मीरा भयंदर नगर निगम की रिपोर्ट भी है। मैंने केवल यह पूछा कि क्या भ्रष्टाचार हुआ है?’’

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत
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नवजीवन डेस्क

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दावा किया कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है और वह इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देंगे।

मुंबई की एक अदालत ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि मामले में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई। बाद में अदालत ने सजा को 30 दिन के लिए टाल दिया और राज्यसभा सदस्य को उनकी अर्जी पर जमानत दे दी।

राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री देश के प्रधान न्यायाधीश के आवास पर मोदक खाने जाते हैं तो भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने वाले उनके जैसे लोगों को कैसे न्याय मिलेगा?

वह पिछले दिनों गणेश उत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर जाने का जिक्र कर रहे थे।


मेधा सोमैया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार तथा पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि राउत ने उन पर मीरा भयंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। राउत ने कहा, "महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों के कारण मुझे बलि का बकरा बनाया गया है।"

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि उन्होंने रेखांकित किया था कि किरीट सोमैया से जुड़े संगठन युवक प्रतिष्ठान के जरिए मीरा भयंदर में कुछ काम हुआ था और उसमें अनियमितताएं थीं।

उन्होंने दावा किया कि शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने भी मामले की जांच की मांग की थी और राज्य विधानसभा में इस पर कुछ चर्चा भी हुई थी।

राउत ने कहा, "अगर मैंने यह कहा तो मैंने किस प्रकार किसी को बदनाम किया? सब कुछ रिकॉर्ड में है। मीरा भयंदर नगर निगम की रिपोर्ट भी है। मैंने केवल यह पूछा कि क्या भ्रष्टाचार हुआ है?’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन देश की पूरी न्यायपालिका ऊपर से नीचे तक आरएसएस से प्रभावित है। मैं सत्र अदालत में अपील करूंगा और लोगों को बताऊंगा कि किस प्रकार हमारे साथ अन्याय हुआ है।"

अदालत ने राउत को मानहानि मामले में दोषी ठहराया और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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