मैं नहीं चाहता कि अगले 24 घंटों में एक बार फिर मेरे आदेश को पलट दिया जाए: जस्टिस चेलमेश्वर
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि वे नहीं चाहते कि एक बार फिर 24 घंटे में उनके आदेश को पलट दिया जाए।
पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। शांति भूषण ने याचिका में भारत के प्रधान न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र को लेकर सवाल उठाए हैं। याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए चेलमेश्वर ने कहा, "मैं ही क्यों, इस देश को अपना फैसला खुद लेना चाहिए।"
इसके तुरंत बाद, मामले में याचिकाकर्ता और अपने पिता शांति भूषण की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए और याचिका का जिक्र किया, जिसपर पीठ मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
इससे पहले, जस्टिस चेलमेश्वर के समक्ष दायर याचिका पर बहस करते हुए प्रशांत भूषण ने कोलेजियम द्वारा आवंटित कार्य की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया और आग्रह किया कि पिछले सप्ताह दाखिल याचिका को शीर्ष अदालत सूचीबद्ध करे।
इस पर जस्टिस चेलमेश्वर ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा, "मैं इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहूंगा। देश को खुद उसका रास्ता तैयार करने दीजिए।" जस्टिस चेलमेश्वर ने आगे कहा, "कोई मेरे खिलाफ लगातार यह अभियान चला रहा है कि मैं कुछ हासिल करना चाहता हूं।" उन्होंने कहा कि उनके सेवानविृत होने में 2 महीने बचे हैं और वह उससे पहले यह नहीं सुनना चाहते कि वह कुछ हासिल करना चाहते हैं।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, "मैं नहीं चाहता कि अगले 24 घंटों में एक बार फिर मेरे आदेश को पलटा जाए।" जब भूषण ने पीठ को बताया कि याचिका पिछले सप्ताह दाखिल की गई थी और कई फॉलोअप देने के बावजूद इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया, तो इस पर चेलमेश्वर ने कहा, "देश के इतिहास में कारण बहुत स्पष्ट हैं। मैं इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहूंगा।"
प्रशांत भूषण की ओर से याचिका पर सुनवाई के लिए बार-बार अनुरोध करने पर जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, "इन्हें अपने आप कदम उठाने दीजिए। यह मेरी समस्या नहीं है। माफ कीजिए, मैं इस पर सुनवाई नहीं कर सकता।"
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के साथ पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल ने भी भूषण से कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए उनसे आग्रह न करें, क्योंकि यह न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के लिए न्यायसंगत नहीं है।
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