'राजनीतिक मंचों से ‘झूठ की बौछार’ करने से इतिहास नहीं बदलता', राहुल गांधी का पीएम मोदी को जवाब
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे लिखा, ''कौन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के समय अंग्रेजों के साथ खड़ा था? जब भारत की जेलें कांग्रेसी नेताओं से भर गई थी, तब कौन देश को बांटने वाली ताकतों के साथ राज्यों में सरकार चला रहा था?"
कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार हमला कर रही है। बीजेपी कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग से प्रभावित बता रही है। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके घोषणापत्र पर सवाल उठाने पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ''ये चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है! एक तरफ कांग्रेस है, जिसने हमेशा भारत को जोड़ा और दूसरी तरफ वो हैं, जिन्होंने हमेशा लोगों को बांटने की कोशिश की है। इतिहास गवाह है, किसने देश का विभाजन चाहने वाली ताकतों से हाथ मिलाकर उन्हें मजबूत किया और कौन देश की एकता और स्वतंत्रता के लिए लड़ा।''
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे लिखा, ''कौन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के समय अंग्रेजों के साथ खड़ा था? जब भारत की जेलें कांग्रेसी नेताओं से भर गई थी, तब कौन देश को बांटने वाली ताकतों के साथ राज्यों में सरकार चला रहा था? राजनीतिक मंचों से ‘झूठ की बौछार’ करने से इतिहास नहीं बदलता।''
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप बताने पर जवाब दिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह व उनके नॉमिनेटेड अध्यक्ष आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पीएम मोदी के भाषणों में केवल आरएसएस की बू आती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी रैलियों में कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र के हर पन्ने पर भारत के टुकड़े करने की बू आ रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो सोच आजादी के समय मुस्लिम लीग में थी। मुस्लिम लीग के उस समय के विचारों को कांग्रेस आज भारत पर थोपना चाहती है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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