"अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो", CM नीतीश के फिर बिगड़े बोल, तेजस्वी ने साधा निशाना
सीएम नीतीश के इस भाषा को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स के जरिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को विधानसभा में अपना आपा खो बैठे और आरजेडी की महिला विधायक रेखा देवी पर भड़कते हुए एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो! उनके बयान को लेकर एक बार फिर से हंगामा खड़ा हो गया है।
सीएम नीतीश के इस भाषा को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स के जरिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने कहा कि महिलाओं पर इस तरह की ओछी भाषा का इस्तेमाल करना मुख्यमंत्री की आदत बन गई है।
तेजस्वी ने लिखा, "महिला हो कुछ जानती हो? महिलाओं पर ओछी, गैर वांछित, असभ्य, अशिष्ट एवं निम्नस्तरीय टिप्पणियां करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आदत में शुमार हो चुका है। प्रदेश के लिए यह अत्यधिक गंभीर और चिंतनीय विषय है।"
उन्होंने आगे लिखा, "सीएम ने कुछ दिन पहले आदिवासी वर्ग की बीजेपी की महिला एमएलए पर भी सुंदरता संबंधित भद्दी टिप्पणी की थी। आज अनुसूचित जाति की दो बार से महिला एमएलए रेखा पासवान जी पर टिप्पणी की। सृष्टि के सबसे बड़े ज्ञाता, ध्याता, व्याख्याता और रचयिता तो आदरणीय श्री नीतीश जी बन चुके है, इनको छोड़ कर किसी को कुछ पता नहीं, किसी को कुछ आता-जाता नहीं।"
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने भी इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा,‘‘ मुख्यमंत्री पता नहीं महिलाओं को क्या-क्या बोलने लगे। पता नहीं महिलाओं से उन्हें प्रेम या नफरत है? यह बात हमें समझ ही में नहीं आती।’’
बिहार विधानसभा में बुधवार को राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा और नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हस्तक्षेप करने के लिए उठे। उस समय आरजेडी की मसौढी से विधायक रेखा देवी कुछ कह रही थीं।
सत्तर वर्षीय मुख्यमंत्री ने रेखा देवी की ओर उंगलियां दिखाते हुए ऊंची आवाज में कहा, ‘‘अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो। इन लोगों (आरजेडी) ने किसी महिला को आगे बढ़ाया था? क्या आपको पता है कि मेरे सत्ता संभालने के बाद ही बिहार में महिलाओं को उनका हक मिलना शुरू हुआ। 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया है। बोल रही हो, फालतू बात.. इसलिए कह रहे हैं, चुपचाप सुनो।’’
उनके इतना कहते ही सदन में हंगामा और बढ़ गया। एक महिला विधायक से इस तरह मुखातिब होने का विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘ अरे क्या हुआ?... सुनोगे नहीं... हम तो सुनाएंगे और अगर नहीं सुनिएगा तो यह आपकी गलती है।’’
बाद में बिहार विधानसभा परिसर में आरजेडी के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर कहा कि हम लोगों की मांग केवल आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री पता नहीं महिलाओं को क्या-क्या बोलने लगे। महिलाओं से उन्हें प्रेम या नफरत है, यह बात हमें समझ ही में नहीं आती। इतिहास बताना शुरू कर देते हैं। अगर विजय कुमार चौधरी जी नहीं रोकते तो ना जाने वह और क्या-क्या बोल देते।’’
इससे पहले भी नीतीश कुमार के कई बयानों को लेकर सियासी बवाल हो चुका है।
पिछले साल बिहार विधानसभा में जातिगत गणना के दौरान हुए आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला पुरूष के शारीरिक संबंधों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने ये टिप्पणी आर्थिक सर्वेक्षण में महिलाओं की बढ़ रही साक्षरता और प्रजनन दर के संदर्भ में की थी।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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