हरियाणा विधानसभा चुनाव: किसानों के सवालों से बीजेपी प्रत्याशी परेशान! जगह-जगह हो रहा विरोध, सिरसा प्रत्याशी मैदान से हटा

सीएम सैनी के गृह क्षेत्र में भी बीजेपी उम्मीदवारों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नारायणगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी पवन सैनी का भी किसानों से सामना हुआ। बीकेयू शहीद भगत सिंह के किसानों ने उन्हें घेर लिया और उनसे पूछा कि किसानों पर गोली क्यों चलाई गई।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी का राह नहीं है। राज्य के किसान अब खुलकर बीजेपी के विरोध में आ गए हैं। बीजेपी प्रत्याशियों को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जीन्द के उचाना में सोमवार को हुई महापंचायत में किसानों के अगुआ संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी मतदाताओं से बीजेपी को सबक सिखाने का आह्वान किया है। महापंचायत में किसानों ने हाथ उठाकर शपथ ली है कि वे बीजेपी प्रत्याशी का विरोध करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को जींद जिले के उचाना शहर में आयोजित किसानों और मजदूरों की एक महापंचायत में राज्य में किसानों और श्रमिकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मौजूदा शासन का विरोध करने का आह्वान किया। इस महापंचायत में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहर, अमरजीत सिंह मोहरी, लखविंदर सिंह औलख, जरनैल सिंह चहल, मंजीत राय, जसविंदर लोंगोवाल, शांता कुमार, हरपाल चौधरी और जसदेव सिंह भी शामिल थे।


सिरसा में बीजेपी प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया

चुनावी राज्य हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। सूत्रों की मानें तो पार्टी अब इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कांडा का समर्थन करेगी।

गौरतलब है कि राज्य में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने का आज अंतिम दिन था। बीजेपी प्रत्याशी ने ऐन मौके पर नाम वापस ले लिया। सत्तारूढ़ बीजेपी ने राज्य की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन अब उसके 89 उम्मीदवार ही मैदान में रह गए हैं।

सीएम के गृहक्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार का विरोध

सीएम नायब सैनी के गृह क्षेत्र में भी बीजेपी उम्मीदवारों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नारायणगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी पवन सैनी का भी किसानों से सामना हुआ। बीकेयू शहीद भगत सिंह के किसानों ने उन्हें घेर लिया और उनसे पूछा कि किसानों पर गोली क्यों चलाई गई। किसानों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया।

आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार को भी विरोध का सामना करना पड़ा। बीजेपी प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई को किसानों ने वापस जाने को मजबूर कर दिया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक बिश्नोई का मोबाइल तोड़ दिया गया। आदमपुर भजनलाल परिवार की परंपरागत सीट है और इस सीट कभी भी भजनलाल परिवार का कोई सदस्य हारा नहीं है। इस बार बीजेपी ने भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है लेकिन किसान मजदूर संगठन भारी विरोध में उतरे हुए हैं। किसानों का आरोप है कि मौजूदा सरकार ने किए अपने किसी वादे को भी पूरा नहीं किया।


बीजेपी उम्मीदवारों को राज्य के लगभग हर क्षेत्र में किसानों के सवालों से दो चार होना पड़ रहा है। उनका कहना है कि हमारा आंदोलन अपने लिए नहीं है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए है। किसान नेताओं ने कहा, हम मौजूदा सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों को कभी नहीं भूलेंगे और न ही आने वाली पीढ़ियों को इसे भूलने देंगे।

गौरतलब है कि 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में एक चरण में ही पांच अक्टूबर को मतदान होना है। सभी के नतीजे एक साथ आठ अक्टूबर को सामने आएंगे।

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