बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रही हैं गोवा की राज्यपाल, एक माह से ज्यादा नहीं चलेगी पर्रिकर सरकार: कांग्रेस
गिरीश चोडणकर ने आरोप लगाया कि राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्यों को नहीं निभा रही हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देशों का पालन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि बीजेपी और राज्यपाल ने गोवा में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया है।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा बीजेपी एजेंट की तरह काम करते हुए लोकतांत्रिक संस्थाओं को अनदेखा कर रही है, जिससे राज्य में शासन-प्रशासन की स्थिति कमजो हो रही है। यह आरोप गोवा कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गिरीश चोडणकर ने लगाया है।
गिरीश चोडणकर ने आरोप लगाया कि राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्यों को नहीं निभा रही हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देशों का पालन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि बीजेपी और राज्यपाल ने गोवा में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया है।
गोवा कांग्रेस प्रमुख ने पीएमओ और बीजेपी अध्यक्ष के साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी आरोप लगाया कि गोवा सत्ता विहीन हो गया है और जनमत का अनादर हो रहा है। चोडणकर ने कहा कि, “बीजेपी ने गोवा में चोर दरवाज़े से सत्ता पर कब्जा किया है, लेकिन शासन देने में वे पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।”
उन्होंने कहा कि, “गोवा में विकास परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं, कानून और व्यवस्था डांवाडोल है। भ्रष्टाचार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।” चोडणकर ने बताया कि, “मुख्यमंत्री बिस्तर पर हैं और राज्यपाल बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रही हैं। इससे राज्य पूरी तरह चरमरा गया है।”
नेशनल हेरल्ड से खास बातचीत में चोडणकर ने कहा कि हालांकि वह मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं, लेकिन एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते अपना कर्तव्य समझते हैं। उन्होंने बताया कि, “हमने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल ने भ्रमात्मक प्रावधानों के आधार पर सत्र को रोक दिया।“
उन्होंने कहा कि, “विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए बीते 9 माह के दौरान उनकी पार्टी ने कम से कम पांच बार राज्यपाल से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।”
चोडणकर ने कहा कि, “गोवा विधानसभा का विशेष सत्र शीघ्र बुलाकर सदन में शक्ति परीक्षण कराना चाहिए, जिससे साफ हो जाएगा कि गोवा में किसका वर्चस्व है और किसके पास राज्य में लोकतांत्रिक सरकार चलाने के लिए जनमत है।”
उन्होंने बताया कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद 9 माह में सिर्फ दो बार कैबिनेट बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि, “अगर शक्ति परीक्षण होता है तो बीजेपी को सत्ता जाने का भय सता रहा है, क्योंकि कांग्रेस बहुमत साबित कर देगी।”
चोडणकर ने कहा कि, “विशेष सत्र बुलाया जाता है तो कांग्रेस पर्रिकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी और इसमें बीजेपी सरकार हर हाल में पराजित होगी।” उन्होंने दावा किया कि बहुत से बीजेपी नेता उनके संपर्क में हैं और सरकार बनाने में सहयोग देने के तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि, “मोदी और अमित शाह की तानाशाही के साथ ही राज्य में शासन न होने के चलते बहुत से बीजेपी नेता भी परेशान हैं और उन्होंने हमसे संपर्क किया है। बीजेपी में बड़े पैमाने पर बगावत सुलग रही है। अगर अविश्वास प्रस्ताव लाने दिया जाता है तो वे अपनी ही सरकार के खिलाफ वोट देंगे। इस तरह गोवा में बीजेपी सरकार एक माह से ज्यादा नहीं चलने वाली।”
चोडणकर ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार विधानसभा का सत्र नहीं बुलाती है तो कांग्रेस राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका दायर करने के विकल्प चुनेगी। उनके मुताबिक कांग्रेस आसानी से बहुमत साबित कर सकती है। उन्होंने बताया, “हमारे पास 17 विधायक हैं और हमें महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी – एमजीपी और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।”
40 सदस्यी गोवा विधानसभा में फिलहाल पर्रिकर सरकार के पास बीजेपी के 14 विधायकों समेत 23 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी के अलावा गोवा फार्वर्ड पार्टी और एमजीपी के 3-3 विधायकों के साथ ही 3 निर्दलीयों ने भी उसे समर्थन दे रखा है।
इस बीच गोवा कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ‘कोई गलत हथकंडा अपनाकर’ विधानसभा भंग न हो। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गिरीश चोडणकर ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उनकी पार्टी ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बारे में राज्यपाल मृदुला सिन्हा को कई बार जानकारी दी है।
चिट्ठी में अनुरोध किया गया है कि वे राज्यपाल मृदला सिन्हा को निर्देश दें कि राज्य में संविधान से परे जाकर कोई काम न हो। गौरतलब है कि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 16 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। फिलहाल मनोहर पर्रिकर सरकार अन्य दलों के साथ मिलकर सत्ता में है।
(विश्वदीपक और एजेंसी इनपुट के साथ)
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