गोवा के आर्कबिशप ने कहा, खतरे में है देश का संविधान-लोकतंत्र, कैथोलिक समुदाय से की आगे आने की अपील

आर्कबिशप ने अपने खत में लिखा है कि देश का संविधान खतरे में है और लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि देश में एक नया ट्रेंड जन्म ले रहा है, जिसके यह तय करने की कोशिश की जा रही है कि कौन क्या खाएगा और क्या पहनेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के बाद अब गोवा-दमन के आर्कबिशप फिलिप नेरी फेराओ ने कहा है कि देश का संविधान खतरे में है। पादरियों को लिखे जाने वाले सालाना पत्र में उन्होंने यह बात की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि देश में विकास के नाम पर मानवाधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने कैथोलिक समुदाय से राजनीति में सक्रियता निभाने की अपील की है। आर्कबिशप ने कहा है कि 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में समुदाय को मानवाधिकार और संविधान की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।

आर्कबिशप ने खत में लिखा, “देश का संविधान खतरे में है और लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। देश में एक नया ट्रेंड जन्म ले रहा है, जिसके तहत यह तय करने की कोशिश की जा रही है कि कौन क्या खाएगा, क्या पहनेगा और कैसे पूजा करेगा। देश में रहन-सहन तक तय करने की कोशिश की जा रही है। विकास के नाम पर अल्पसंख्यकों को उनकी जमीनों से वंचित करने के साथ गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है।” गोवा के आर्कबिशप का यह सालाना पत्र रविवार यानी 4 मई को जारी किया गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के आर्कबिशप ने भी इसी तरह का पत्र लिखा था, जिसमें 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश के लिए दुआ करने की अपील की गई थी। उनके पत्र पर काफी हंगामा हुआ था, जिसके बाद उन्हें सफाई तक देनी पड़ी थी।

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Published: 05 Jun 2018, 9:15 AM