देश के पहले CDS बिपिन रावत किसी भी सैन्य कमान को नहीं दे सकेंगे आदेश, जानें क्या होगी उनकी भूमिका

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (30 दिसंबर) देर शाम आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा की। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि सीडीएस के तौर पर जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और अगले आदेश और उनके सेवा विस्तार तक रहेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (30 दिसंबर) देर शाम आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा की। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि सीडीएस के तौर पर जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और अगले आदेश और उनके सेवा विस्तार तक रहेगा। गौरतलब है कि आर्मी चीफ जनरल रावत आज (मंगलवार) सेवानिवृत्त हो गए। सरकार द्वारा 65 साल तक रिटायरमेंट की उम्र सीमा किए जाने के बाद अब जनरल रावत अगले 3 साल तक पद पर बने रहेंगे।

सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा। रावत तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 4 स्टार रैंक के अधिकारी होंगे। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।


रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है जो 31 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावी होगा और जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस कार्यालय में रहेंगे।’’ सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करके सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बाद जनरल रावत तीन साल के लिए सीडीएस के तौर सेवाएं दे सकेंगे। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा।

सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है। अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस की जिम्मेदारी तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव इत्यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करना होगी। जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे।


वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे। तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों और साइबर और अंतरक्षिण से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी। सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होंगे। मगर इस पद का प्रमुख तीनों सेना प्रमुखों सहित किसी भी सैन्य कमान को आदेश नहीं दे सेकेगा।

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Published: 31 Dec 2019, 6:00 PM