बाढ़-बारिश से बिहार में लोगों का हाल बेहाल, कोसी समेत कई नदियां उफान पर, दर्जनों गांव जलमग्न, रेल पटरियां डूबीं

बिहार के उत्तरी हिस्सों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। राज्य में भारी बारिश कोसी और सीमांचल के क्षेत्रों में तबाही लेकर आई है। कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

फोटो: आईएएनएस
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बिहार के उत्तरी हिस्सों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे राज्य के कम से कम छह जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस बीच, राज्य के कई स्थानों पर रेल पटरियों पर पानी चढ़ जाने से रेल यातायात बाधित हुआ है। राज्य में भारी बारिश कोसी और सीमांचल के क्षेत्रों में तबाही लेकर आई है। कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

वीरपुर बैराज के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शनिवार को कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अपराह्न तीन बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.88 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जबकि चार बजे यह बढ़कर 3. 07 लाख क्यूसेक पहुंच गया। नेपाल में भारी बारिश से गंडक बैराज का भी जलस्तर बढ़ गया है।

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इधर, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया, "राज्य के छह जिले शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं।" उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह अलर्ट है। इधर, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। वहां एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं भारी बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदियों ने चंपारण में तबाही मचानी शुरू कर दी है। लालबकेया, बागमती और बूढ़ी गंडक ने चंपारण, शिवहर और मुजफ्फरपुर के कई गांवों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पूर्वी चंपारण के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।


बिहार के पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण चार प्रखंडों के आधा दर्जन गांवों का बगहा अनुमंडल से संपर्क भंग हो गया है। कुछ जिलों में बाढ़ के कारण विद्यालयों में भी छुट्टी कर दी गई है। पूर्वी चंपारण और मधुबनी में भी नदियां उफान पर हैं। मधुबनी जिले में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी के जलस्तर में भी वृद्घि जारी है।

इस बीच, समस्तीपुर रेल मंडल के बैरगनिया-कुंदवा चौनपुर रेलखंड पर रेल पटरी पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का परिचालन शनिवार सुबह तीन बजे से रोक दिया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि इस रेलखंड पर कई गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या रद्द कर दिया गया है।

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इधर, अररिया जिले के जोगबनी के निचले इलाके में शुक्रवार देर रात बाढ़ का पानी घुस गया और जोगबनी स्टेशन पर रेल पटरी पानी में डूब गई। रेल पटरी के पानी में डूब जाने से रेल गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया है। कई रेल गाड़ियों को रद्द कर दिया गया या कुछ को कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर फारबिसगंज से चलाया गया।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, "शनिवार नौ बजे सुबह रेल पटरी से पानी उतर गया, उसके बाद रेल गाड़ियों का परिचालन प्रारंभ कर दिया गया है।" दरभंगा, वैशाली और मुजफ्फरपुर में भी विभिन्न नदियों के उफान के कारण कई गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। तटबंध पर बसे गांवों के लोगों का पलायन शुरू हो गया है। कई जिलों में में बाढ़ को लेकर अलर्ट कर दिया गया है।

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