उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला आया सामने, ट्रेनी IFS में हुई पुष्टि, दहशत में राज्य के लोग
उत्तराखंड में रविवार को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है। देहरादून में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अनुसंधान के ट्रेनी आईएफएस में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।
चीन से निकला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में तेजी से अपने पैर पसार चुका है। भारत में भी इस वायरस का कहर टूट रहा है, यहां अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 108 पहुंच चुकी है। कोरोना को मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए गृह मंत्रालय ने नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यामांर की सीमाओं से लगे ज्यादातर जमीनी रास्तों को भी 15 मार्च की मध्य रात्रि से बंद कर दिया है।
उधर, उत्तराखंड में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया। देहरादून में प्रशिक्षु IFS ऑफिसर को कोरोना वायरस हुआ। वह ट्रेनिंग के लिए विदेश गए थे। सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की माइक्रोबायोलॉजी लैब ने टेस्ट को पॉजिटिव बताया है। अधिकारी हाल ही में देहरादून से हल्द्वानी आए थे। तबीयत बिगड़ने पर यहां के मेडिकल कॉलेज में उनकी जांच हुई। जांच में उनका सैंपल कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी भैसौड़ा ने भी इस की पुष्टि कर दी है।
प्रदेश में अब तक 25 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसमें अभी तक 18 की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें 17 नेगेटिव और एक पॉजिटिव केस सामने आया है। बाकी सात लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
आपको बता दें, कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक संस्थान और सिनेमा हॉल को बंद करने का आदेश जारी हो चुका है। उत्तराखंड में भी स्कूल और कॉलेज 31 मार्च तक बंद हैं। डिग्री कॉलेज, आईटीआई, आंगनबाड़ी केंद्रों और सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद करने का निर्णय लिया गया है।
कोरोना महामारी घोषित होने के बाद अब जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सभी अधिकार दिए हैं। शनिवार शाम को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में पहले मंत्रि परिषद की बैठक हुई। मंत्रि परिषद के परामर्श के बाद कैबिनेट ने राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस रोग को महामारी घोषित कर दिया है। सरकार ने उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है।
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