किसानों ने नेशनल हाइवे पर लगे साइन बोर्डों को पोस्टरों से ढका, पोस्टर पर लिखे हैं खास संदेश
कृषि कानून पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का 2 महीने से प्रदर्शन जारी है। इसी सिलसिले में किसानों ने हर जगह कृषि संबंधी अपने बैनर और पोस्टर लगाए हुए हैं।
कृषि कानून पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का 2 महीने से प्रदर्शन जारी है। इसी सिलसिले में किसानों ने हर जगह कृषि संबंधी अपने बैनर और पोस्टर लगाए हुए हैं। यहां तक कि नेशनल हाइवे पर लगे साइन बोर्ड जिनकी मदद से लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक जाने में मदद मिलती है, उन्हें भी बैनर-पोस्टर से पाट दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से आए किसान डेरा डाले हए हैं। वहीं बॉर्डर पर हर जगह किसान अपने संगठन के बारे में और सरकार के विरोध में बैनर-पोस्टर लगाए हुए हैं।
बॉर्डर से गुजर रहे नेशनल हाइवे 24 और इसी हाईवे से सटे नेशनल हाइवे 9 पर लगे साइन बोर्ड पर किसानों ने सरकार के विरोध में एक पोस्टर टांगा है, जिस पर लिखा है- "कॉरपोरेट भगाओ, देश बचाओ और काले कानून वापस लो।"
दरअसल, दिल्ली से गाजियाबाद, मेरठ एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले लोगों के लिए इन साइन बोर्ड पर स्थानों के नाम लिखे रहते हैं, जिनकी मदद से यात्रियों को सही मार्ग पर चलने का पता चलता है। हालांकि अब गुजरने वाले लोगों के लिए ये तीन संदेश मिलते हैं, जो किसानों की तरफ से लगाए गए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर, 2020 से किसान डेरा डाले हुए हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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